Mumbai BMC Elections 2nd Meeting: बीएमसी चुनाव को लेकर महायुति के भीतर खींचतान लगातार सामने आ रही है. पहली बैठक में शिवसेना (शिंदे) ने ज्यादा सीटों की मांग की थी, जबकि भाजपा ने सीमित सीटों का प्रस्ताव रखा. इसी टकराव के चलते बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई थी. बीएमसी चुनाव से पहले महायुति में सीट बंटवारे को लेकर घमासान जारी है. पहली बैठक बेनतीजा रहने के बाद आज भाजपा और शिंदे गुट की शिवसेना के बीच दूसरी बैठक होगी. अब दूसरी बैठक में दोनों दल किसी ठोस फॉर्मूले पर सहमति बनाने की कोशिश करेंगे. बीएमसी चुनाव से पहले भाजपा और शिंदे गुट की शिवसेना के बीच दादर स्थित ‘वसंत स्मृति’ कार्यालय में आज फिर आमने-सामने चर्चा होगी. भाजपा का कहना है कि जहां पार्टी के भीतर बगावत के चलते उम्मीदवार हारे थे, वहां भाजपा उम्मीदवार को मिले वोट और बागी उम्मीदवार को मिले वोट जोड़कर आकलन किया जाए.

महायुति में बीएमसी चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर दूसरे दौर की अहम बातचीत होने जा रही है. इस बैठक को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि पहली बैठक बिना किसी नतीजे के खत्म हुई थी. भाजपा ने सीट बंटवारे के लिए कुछ बुनियादी मानक सामने रखे हैं. इसके तहत 2017 के बीएमसी चुनाव में भाजपा द्वारा जीती गई सभी 82 सीटों पर दावा बरकरार रखने की बात कही गई है.भाजपा का तर्क है कि जिन वार्डों में उसके उम्मीदवार बहुत कम अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे, उन सीटों पर भी पार्टी को मौका मिलना चाहिए. भले ही वहां शिवसेना का मौजूदा नगरसेवक क्यों न हो. भाजपा इसे अपनी चुनावी मजबूती का आधार बता रही है.

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को लीड देने वाले विधानसभा क्षेत्रों के वार्डों को भी शामिल किया गया है. हालांकि इस बिंदु पर शिवसेना ने कड़ी आपत्ति जताई है. शिवसेना का कहना है कि 2017 में वार्डों का पुनर्गठन हो चुका है, ऐसे में 2014 के आंकड़ों को आधार बनाना सही नहीं होगा. दादर-माहिम, वडाला और वरली जैसे मराठी बहुल विधानसभा क्षेत्रों में बहुत कम सीटें छोड़े जाने पर भी शिवसेना नाराज है. पार्टी का कहना है कि इन इलाकों में उसकी पारंपरिक पकड़ रही है, इसलिए यहां ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए.

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