कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। पेट्रोल में पानी! क्या सही है ये कहानी?,जी हां ग्वालियर-चंबल अंचल पहले ही दूध, दही,पनीर और मसालों में मिलावट के लिए बदनाम हो चुका है,और अब आरोप कि यहां पेट्रोल भी मिलावटी है, कुछ जगहों पर तो गाड़ी में पेट्रोल की जगह सीधा पानी पहुंच रहा है, जिसकी शिकायत पर प्रशासन ने जांच के लिए सैंपल भी कलेक्ट किये हैं। सवाल ये है कि क्या सचमुच में आपकी पेट्रोल में पानी मिलाया जा रहा है?
दरअसल आम जीवन में रोटी कपड़ा और मकान जरूरी रहा है, उसी तरह समय के साथ पेट्रोल भी अब दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है। लेकिन हाल ही के दिनों में जो शिकायते सामने आ रही है,उसमे सबसे ज्यादा पेट्रोल में मिलावट की शिकायत सामने आ रही है। महज 100 रुपये की पेट्रोल में मिलावट का खेल आम आदमी की जेब पर बड़ा बोझ बन रहा है। ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि मिलावटी पेट्रोल के कारण आम से लेकर खास सभी लोग परेशान है।
जिले में 289 के लगभग पेट्रोल पंप है जिनमें
- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के 107 पंप
- BPC के 86
- हिंदुस्तान पेट्रोलियम के 77
- एस्सार के 10
- रिलायंस के 09 है
जिले में पेट्रोल-डीजल की दैनिक खपत की बात की जाए तो आंकड़ा बहुत मजबूत है, क्योंकि जिले में पेट्रोल की औसतन 04 लाख लीटर प्रति दिन और डीजल की 06 लाख लीटर प्रति दिन की खपत है। लेकिन इतनी मजबूत खपत के बाबजूद मिलावट यानी पेट्रोल में पानी का क्या मांजरा है.? जिले में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र को देखे तो 1000 से ज्यादा छोटी बड़ी बाइक कार मैकेनिक की वर्कशॉप है। यहाँ के टेक्निकल स्टाफ का मानना है कि बाजार में मौजूद मिलावटी पेट्रोल यानी उसमे पानी की मौजूदगी इंजन सहित वाहनों के मुख्य हिस्सो को नुकसान पहुंचा रही है। ऐसे में पेट्रोल की पानी की मौजूदगी के कारण इंजन के कार्बोरेटर,ब्लॉक,पिस्टन पर सीधा असर पड़ रहा है। जो आम जनता की जेब पर सीधे अटैक कर रहा है।
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स्थानीय पेट्रोल उपभोक्ताओं का भी मानना है कि पेट्रोल में पानी की मिलावट हो रही है,फिर वह जानबूझकर हो रहीं हो या फिर लापरवाही के कारण हो रही हो। लेकिन आम जनता का हाल बेहाल है। बीते 01 साल में पेट्रोल में मिलावट की शिकायते और ज्यादा बढ़ गई है। हर महीने बाइक को मिस्त्री के पास दुरुस्त कराने ले जाना पड़ रहा है।
जिले में मौजूद पेट्रोल पंप पर पेट्रोल में मिलावट को नकारना सही नहीं होगा। फिर भी पेट्रोल में मिलावट की संभावना को देखते हुए जिले में काफी शिकायत कलेक्टर तक भी पहुंची हैं. जिसके कारण उनके निर्देश पर पेट्रोल पम्पों पर मिलावट को रोकने सैंपल की कार्रवाई भी की जा रही रहा है। हालांकि जिले के पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष उदयवीर सिंह का कहना है कि पेट्रोल में कभी भी पानी की मिलावट नही की जा सकती है। बारिश या कुछ अन्य समय को छोड़ दे तो पेट्रोल में पानी के होने की शिकायत न के बराबर होती है।
उपभोक्ता के जांच के खास अधिकार है
- क्वान्टिटी क्वालिटी के लिए
- जार ओर हाइड्रोमीटर टेम्परेचर मीटर का उपयोग करना
- सेल्स ऑफिसर को कॉल करके पूछना
- पेट्रोल की डेंसिटी में .30 प्लस माइनस का फर्क स्वीकार करना
“ग्वालियर–चंबल में पेट्रोल में पानी मिलाने की कहानी पूरी तरह अफवाह भी नहीं और अभी तक सौ फीसदी साबित सच भी नही साबित हुई। कई जगहों पर जो तस्वीरें और नमूने सामने आए हैं, वे मिलावट की आशंका को बहुत मजबूत करते हैं। लेकिन प्रशासन की लैब रिपोर्टों और कानूनी कार्रवाई के बिना सीधे कह पाना कठिन है। ऐसे में सवाल यही उठता है कि आखिर क्या वाकई में पेट्रोल में मिलावट की जा रही है, यदि हो रही है तो तो उस पर कब तक रोक लगेगी ?
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