नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के 47वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सोमवार को जस्टिस शरद अरविंद बोबडे को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ दिलाई. जस्टिस रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने के बाद जस्टिस बोबडे ने मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण किया है.

बतौर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बोबडे का कार्यकाल 17 महीने का होगा. वे 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे. उनके शपथ ग्रहण के दौरान उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, केबिनेट मंत्री और अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे.

दादा, पिता और भाई भी वकालत में

उच्चतम न्यायालय के 47वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण करने वाले जस्टिस बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 को नागपुर में हुआ. उनके पिता अरविंद बोबडे 1980 से 1985 तक महाराष्ट्र के महाधिवक्ता रह चुके हैं. उनके दादा भी वकील हुआ करते थे. जस्टिस बोबडे के बड़े भाई विनोद अरविंद बोबडे उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता के अलावा संविधान विशेषज्ञ रह चुके हैं.

अंबेडकर लॉ कॉलेज से की कानून की पढ़ाई

जस्टिस बोबडे ने डॉ अंबेडकर लॉ कॉलेज, नागपुर यूनिवर्सिटी से कानून में स्नातक किया. 1978 में महाराष्ट्र बार काउंसिल में अधिवक्ता के तौर पर अपना पंजीकरण कराया. मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में 21 साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद जस्टिस बोबड़े ने मार्च, 2000 में बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में शपथ ली. 16 अक्तूबर 2012 को वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने. 12 अप्रैल 2013 को उनकी पदोन्नति उच्चतम न्यायालय के जज के रूप में हुई.