दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। राजधानी के सभी सरकारी स्कूलों में 10 हजार एयर प्यूरीफायर लगाने की योजना पर काम शुरू हो गया है और इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इसकी आधिकारिक घोषणा की। सूद ने इस दौरान वायु गुणवत्ता को लेकर पूर्व आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले की नीतियाँ प्रदूषण से निपटने में नाकाम रहीं, जबकि वर्तमान सरकार स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षित वातावरण को प्राथमिकता दे रही है।

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि शहरी विकास विभाग ने कई बड़े सुधार लागू किए हैं। उन्होंने बताया कि घोघा में वेस्ट-टू-गैस प्लांट का उद्घाटन किया गया है, जबकि क्लासरूम में 10,000 एयर प्यूरीफायर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। सूद के अनुसार, यह सभी कदम दीर्घकालिक योजनाओं का हिस्सा हैं, जिनके परिणाम आने में समय लगेगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सरकार प्रचारात्मक गतिविधियों के बजाय वास्तविक प्रशासनिक सुधारों पर ध्यान दे रही है ताकि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में स्थायी सुधार हो सके। साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) पर निशाना साधते हुए कहा कि आलोचना के साथ-साथ उन्हें अपनी उपलब्धियों पर भी प्रकाश डालना चाहिए।

आशीष सूद ने कहा कि यदि आम आदमी पार्टी की सरकार का वास्तव में दिल्ली की हवा साफ करने का इरादा होता और बच्चों के स्वास्थ्य पर राजनीति नहीं होती, तो सार्वजनिक परिवहन को मजबूत किया जाता और आधुनिक सफाई मशीनें लाई जाती। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया और सफाई कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दिया। सूद के अनुसार, “उनके पास विज्ञापनों के लिए पैसा था, लेकिन सार्वजनिक परिवहन के लिए नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है।”

गौरतलब है कि दिल्ली में हर साल की तरह इस बार भी वायु प्रदूषण का स्तर लगातार चिंताजनक बना हुआ है। शुक्रवार सुबह घने कोहरे और धुंध के बीच राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 382 रहा, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ‘समीर’ ऐप के अनुसार, शहर के 40 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 14 केंद्रों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि 26 केंद्र ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पाए गए। आंकड़ों के अनुसार, विवेक विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे अधिक 434 दर्ज किया गया, जो स्थिति की गंभीरता दर्शाता है।

दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने अनुमान लगाया है कि शनिवार तक वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रहेगी, जबकि रविवार को इसके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की संभावना है। राजधानी के कई इलाकों में सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता प्रभावित हुई और यातायात पर भी असर पड़ा।

इस बीच, वायु प्रदूषण से निपटने के तहत प्राधिकारियों ने सख्त कदम उठाए हैं। गुरुवार से दिल्ली में बाहर पंजीकृत गैर-बीएस-6 निजी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लागू हो गया है। इसके अलावा, जिन वाहनों के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) नहीं है, उन्हें पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जा रहा है।

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