चुनाव आयोग ने शुक्रवार शाम तमिलनाडु, गुजरात में कराए गए स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR) की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की. तमिलनाडु में 97 लाख से ज्यादा नाम काटे गए हैं. SIR से पहले राज्य में वोटर्स की संख्या 6.41 करोड़ थी. अब घटकर 5.43 करोड़ हो गई है. तमिलनाडु की मुख्य निर्वाचन अधिकारी अर्चना पटनायक ने कहा, राज्य में अब 2.66 करोड़ पुरुष, 2.77 करोड़ महिलाएं और 7,191 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं. चेन्नई में सबसे ज्यादा 14.25 लाख वोटर्स के नाम हटाए गए. पहले यहां 40.04 लाख वोटर्स थे अब 25.79 लाख रह गए हैं. कोयंबटूर में 65 लाख, डिंडीगुल में 23 लाख नाम काटे गए हैं.
करीब एक करोड़ लोगों के नाम हटाए गए
तमिलनाडु की मुख्य चुनाव अधिकारी के मुताबिक राज्य में एसआईआर से पहले करीब 6.41 करोड़ वोटर रजिस्टर्ड थे और इस प्रकिया के बाद 97 लाख 37 हजार 832 मतदाता के नाम हटाए गए हैं. इनमें से 26.94 लाख ऐसे लोग हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी. इसके अलावा 66.44 लाख ऐसे लोग हैं जो तमिलनाडु को छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो गए थे और 3,39,278 डुप्लीकेट एंट्री थी. डुप्लीकेट एंट्री का मतलब है कि एसे मतदाता एक से ज्यादा जगहों पर रजिस्टर्ड पाए गए थे. चुनाव अधिकारी ने बताया कि तमिलनाडु छोड़कर दूसरी जगह माइग्रेट किए वोटर्स की संख्या 66 लाख 44 हजार 881 है जो तीन राउंड घर-घर जाकर वेरिफिकेशन के बाद भी रजिस्टर्ड पते पर नहीं पाए गए.
गुजरात में कितने वोटर्स के नाम हटाए गए?
गुजरात की जारी नई SIR लिस्ट में 73.73 लाख से ज्यादा वोटर्स के नाम कम हुए हैं. राज्य में पहले 5.08 करोड़ से ज्यादा वोटर्स रजिस्टर्ड थे. अब घटकर 4.34 करोड़ रह गए हैं. अगर यदि किसी मतदाता का नाम ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है तो वह 18 जनवरी ऑब्जेक्शन उठा सकता है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल की नई मतदाता सूची जारी की गई है. कुल 58.20 लाख नाम काटे गए हैं. इससे पहले चुनाव आयोग ने 16 दिसंबर को पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा, लक्षद्वीप और पुडुचेरी की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की थी. राजस्थान में भी 44 लाख नाम काटे गए हैं.
SIR को लेकर डीएमके ने शुरू किया था विशेष अभियान
2026 के विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही तमिलनाडु में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. चुनावी तैयारी के तहत डीएमके ने ‘माय बूथ, विनिंग बूथ’ अभियान शुरू किया था, जिसके पहले चरण में बूथ समितियों को राज्य के 68,463 मतदान केंद्रों पर मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) में सक्रिय भागीदारी का निर्देश दिया गया था. इस अभियान का लक्ष्य 68,463 मतदान केंद्रों पर तैनात लगभग 6.8 लाख बूथ समिति सदस्यों को सक्रिय कर बूथ स्तर पर मजबूती सुनिश्चित करने का काम दिया गया था.
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