शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में डॉ मोहन यादव सरकार के दो साल पूरा होने के बाद मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड पेश करने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में रविवार को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने दो साल की उपलब्धि गिनाई और आगामी कार्ययोजना का भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर एक फायदे का सौदा है। मंत्री परिषद ने बिजली कंपनियों में 50 हजार से ज्यादा नियमित पदों पर भर्ती स्वीकृति की हैं।
एमपी सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने विभाग की 2 साल की उपलब्धि बताई। उन्होंने बताया कि 12 दिसंबर 2025 को मध्य प्रदेश के इतिहास में 19,113 मेगावाट की सर्वाधिक मांग बिना किसी कटौती के बिजली दी गई। अतिरिक्त हर वर्ष विद्युत की खपत में वृद्धि भी इसका सशक्त प्रमाण है। राज्य सरकार की समयबद्ध कार्य योजना का परिणाम है। वर्तमान में कुल अनुबंधित क्षमता 25081 मेगावाट है, जो हमे सरप्लस राज्य बनाते है।
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50 हजार से ज्यादा नियमित पदों पर भर्ती
प्रदेश की विद्युत कंपनियों में साल 2011 से नवीन नियुक्तियों न होने कठिनाई हो रही है। पूरा भार संविदा और आउटसोर्स पर आ गया है। आम जनता की ओर से व्यवस्था की लगातार शिकायतें की जा रही थी। मंत्री परिषद ने बिजली कंपनियों में 50 हजार से ज्यादा नियमित पदों पर भर्ती स्वीकृति की है। स्मार्ट मीटर की देकर उपभोक्ताओं को समय पर ही सही बिजली का बिल भी दिए जाने का प्रयास है।
स्मार्ट मीटर को लेकर कही ये बात
मंत्री ने बताया कि हर वितरण केंद्र स्तर के प्रभारी की ओर से प्रतिदिन पांच भक्तों से टेलीफोन पर चर्चा की जाती है। स्मार्ट मीटर के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार सुबह 9:00 से 5:00 की अवधि में प्राप्त हो रही सस्ती बिजली का लाभ उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। उपभोक्ताओं ने सुबह 9 से 5 तक की अवधि में की गई बिजली खपत की गणना कर 20 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर एक फायदा का सौदा है। राज्य सरकार अलग-अलग कैटेगरी के उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी दे रही है।
इन्हें निशुल्क: बिजली
प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि हर माह लगभग एक करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं का प्रथम 100 यूनिट की खपत पर मात्र 100 रुपये लिए जा रहे है। किसानों को मात्र 7% राशि का भुगतान दो किस्तों में करना होता है। अनुसूचित जाति जनजाति के एक हेक्टर तक पांच एचपी पंप वाले किसानों को निशुल्क बिजली की जा रही है। घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को हर साल 26 करोड़ की सब्सिडी दी जा रही है। अतिरिक्त उद्योगों को भी बिजली घर में छूट से लगभग 2000 करोड़ की छूट प्रति वर्ष दी जा रही है। उपभोक्ता की ओर से बिजली दरों का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण राशि 1100 करोड़ ज्यादा हो गई है।
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