Ajnala Police Station Attack Case: चंडीगढ़. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुए हमले को लेकर सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि इस घटना ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और यह राज्य की संप्रभुता और अखंडता को सीधी चुनौती है. हाईकोर्ट ने इस मामले में दाखिल पांच जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं.
Also Read This: बैंक गारंटी की जगह अब कॉर्पोरेट गारंटी का भी प्रावधान : संजीव अरोड़ा

गुरमीत सिंह गिल उर्फ गुरमीत सिंह बक्कनवाला द्वारा दायर जमानत याचिकाओं में से एक पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता समेत एक गैरकानूनी भीड़ ने अमृतपाल सिंह के प्रभाव में आकर अपने एक साथी को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के गलत इरादे से पुलिस स्टेशन पर हमला किया. कोर्ट ने कहा कि कानूनी रास्ता अपनाने के बजाय आरोपियों ने कानून को अपने हाथ में लिया.
पीठ ने रिकॉर्ड का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने के बाद कहा कि याचिकाकर्ता पर आरोप है कि वह घातक हथियारों से लैस उस भीड़ का हिस्सा था, जिसने न केवल लोक सेवकों के आदेशों की अवहेलना की, बल्कि राज्य के अधिकार को भी खुली चुनौती दी. इस दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों को चोट पहुंचाने से भी परहेज नहीं किया गया.
Also Read This: सैलून से काम कर घर लौट रही लड़की, बाइक सवार दो युवक ने सिर में मारी गोली
कोर्ट ने यह भी कहा कि भीड़ का पूरा आचरण, जिसकी गतिविधियां वीडियो रिकॉर्डिंग में साफ तौर पर दर्ज हैं, यह दर्शाता है कि इस घटना से न सिर्फ कानून का शासन और राज्य का अधिकार खतरे में पड़ा, बल्कि एक संप्रभु देश की गरिमा को भी चुनौती दी गई.
जस्टिस सूर्य प्रताप सिंह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद अगर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो यह न्याय का घोर मजाक होगा.
Also Read This: कासो ऑपरेशन : फिरोजपुर में बने 14 हॉट स्पॉट, चप्पे-चप्पे पर नजर आई पुलिस
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें


