प्रतीक चौहान. रायपुर। राजधानी रायपुर की पुलिस ने ‘ऑपरेशन साइबर शील्ड’ के तहत साइबर अपराधियों की रीढ़ कहे जाने वाले फर्जी सिम कार्ड सप्लायरों पर बड़ा प्रहार किया है। रायपुर रेंज आईजी अमरेश मिश्रा के निर्देशन में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मध्य प्रदेश के मैहर निवासी एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो ग्राहकों की जानकारी चोरी कर फर्जी सिम एक्टिवेट करता था और उन्हें देशभर के साइबर ठगों को बेचता था।
गोवा से पकड़ाया जालसाज
सिविल लाइन थाना रायपुर में दर्ज अपराध क्रमांक 290/25 की जांच के दौरान रेंज साइबर थाना ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी रामकृष्ण कुशवाहा को चिन्हांकित किया। आरोपी मूल रूप से मध्य प्रदेश के मैहर का रहने वाला है, लेकिन वर्तमान में गोवा के संगोल्दा (प्राइम रोज) में छिपकर रह रहा था, जिसे पुलिस ने घेराबंदी कर दबोच लिया।

18.52 लाख की ठगी में 41 सिम का खेल
जांच में खुलासा हुआ कि छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के पीड़ितों के साथ हुई 18.52 लाख रुपये की धोखाधड़ी में कुल 41 फर्जी सिम कार्ड संलिप्त थे। आरोपी रामकृष्ण कुशवाहा ‘शिवम मोबाइल’ और ‘रामकृष्ण मोबाइल’ के नाम से ‘प्वाइंट ऑफ सेल’ (POS) संचालित करता था। इसके पास से भारी मात्रा में प्री-एक्टिवेटेड (पहले से चालू) सिम बरामद हुए हैं।
ऐसे करता था ‘डबल थंब स्कैन’
पूछताछ में आरोपी ने साइबर अपराध की दुनिया के खतरनाक राज खोले हैं। वह ग्राहकों के साथ दो तरीकों से धोखा करता था:
1. ई-केवाईसी (E-KYC): जब कोई ग्राहक नया सिम लेने या पोर्ट कराने आता था, तो आरोपी ‘डबल थंब स्कैन’ या ‘आई ब्लिंक’ (आंख झपकाना) के जरिए एक की जगह दो सिम एक्टिवेट कर लेता था।
2. डी-केवाईसी (D-KYC): जिन ग्राहकों के पास आधार कार्ड की फिजिकल कॉपी होती थी, उनके दस्तावेजों का उपयोग कर वह खुद ही विवरण वेरीफाई करता था और फर्जी तरीके से सिम निकाल लेता था।


