Rajasthan News: अरावली पर्वतमाला को लेकर देशभर में चल रही बहस के बीच नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने केंद्र और राजस्थान की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अलवर स्थित अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में जूली ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अरावली क्षेत्र में किसी भी नए खनन को मंजूरी नहीं दी थी, जबकि मौजूदा भाजपा सरकार नए खनन के रास्ते खोलने की तैयारी कर रही है।

जूली ने कहा कि अरावली चार राज्यों राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली के लिए जीवनरेखा है। यह पर्वतमाला रेगिस्तान के विस्तार को रोकने के साथ-साथ भूजल संरक्षण में अहम भूमिका निभाती है। इसके बावजूद सरकार अपने चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए अरावली को नुकसान पहुंचाने की नीति अपना रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस सरकार के समय अरावली क्षेत्र में किसी नए खनन का कोई प्रस्ताव नहीं बनाया गया था। कांग्रेस का प्रस्ताव केवल पहले से संचालित खानों को लेकर था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार द्वारा तैयार की गई नई योजना के तहत अरावली में नए खनन को मंजूरी देने की तैयारी है, जो पर्यावरण के लिए घातक साबित होगी।

जूली ने बताया कि नया प्रस्ताव सरकार की समिति द्वारा तैयार किया गया है और यह पूरी तरह भाजपा सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अरावली को बचाने के लिए कांग्रेस जल्द ही सड़क से संसद तक आंदोलन शुरू करेगी।

टीकाराम जूली ने कहा कि अरावली क्षेत्र लाखों लोगों की आजीविका से जुड़ा है और यहां हजारों वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास है। सरिस्का, रणथंभौर और मुकुंदरा जैसे प्रमुख टाइगर रिजर्व भी अरावली क्षेत्र में स्थित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और उसके मंत्री इन तथ्यों को नजरअंदाज कर जनता को गुमराह कर रहे हैं।

जूली ने यह भी कहा कि पिछली गहलोत सरकार के दौरान तैयार किए गए प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था, इसके बावजूद भाजपा सरकार कांग्रेस पर नए खनन की अनुमति देने का आरोप लगा रही है।

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