धर्मेंद्र यादव, निवाड़ी ओरछा। सात समुंदर पार कर मध्यप्रदेश के ओरछा घूमने आये एक विदेशी जोड़े ने भारतीय संस्कृति व वैदिक रीति रिवाजों व सनातनी परंपराओं के अनुसार ओरछा के बतेश्वर मंदिर में विवाह रचाया। स्पेन निवासी 54 वर्षीय चीरो व 50 वर्षीय ऑडरा एक दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन शादी हिन्दू रीति रिवाजों से करनी थी जो उन्होंने ओरछा आकर पूरी की। इस शादी में वह सब कुछ हुआ जो एक भारतीय शादी समारोह में होता है।
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भारतीय सनातन परंपरा के बीच जयमाला हुई
दरअसल दूल्हा दुल्हन विदेशी लेकिन भारतीय सनातन परंपरा के बीच जयमाला हुई। दूल्हा दुल्हन को मंदिर में मौजूद लोगों ने आशीर्वाद दिया। शादी की रस्में भारतीय परंपरा अनुसार हुई। पाणिग्रहण संस्कार को पंडित ने वैदिक मंत्रों के साथ सम्पन्न कराया। विदेशी दूल्हा दुल्हन की शादी में पवित्र मंत्रों के उद्घोष के बीच जयमाल की रस्म भी निभाई गई। पीले जोड़े में सजी दूल्हन ऑडरा व सेहरे से सजा दूल्हा चीरो सबके लिए आकर्षण का केंद्र रहा। विदेशी जोड़े ने बताया की हिन्दू रीति रिवाज और संस्कारों से प्रभावित होकर उन्होंने वैदिक रीति से विवाह किया हैं।
पति पत्नी के रूप में भगवान रामराजा का लिया आर्शीवाद
सात जन्मों तक पति पत्नी के रूप में रहने के लिये भगवान रामराजा का आर्शीवाद लिया। पार्श्व देशों में शादी व तलाक और झूलते रिश्तों के बीच हिन्दू रीति रिवाजों के बीच विवाह के बंधन में बंधे। सात जन्मों तक एक दूसरे का साथ न छोड़ने की कसम खाई। दांपत्य सूत्र में बंधने के बाद इस जोड़ो ने कहा की रामराजा की नगरी में एक दूसरे का हाथ पकड़ने की अभिलाषा आज पूरी हो गई। जोडे़ को पूरा विश्वास है की सनातन संस्कारों से अभिप्रेरित अनुष्ठानों के बीच हुआ उनका पाणिग्रहण अब सात जन्मों तक सफल और अटल रहेगा। जानकारी पुजारी आशीष शुक्ला बतेश्वर मंदिर ओरछा ने दी।
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