राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। गोवा नाइट क्लब हादसे की तरह मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल मिडनाइट कैफे में बड़ा हादसा हो सकता है। गोवा हादसे के बाद किसी ने भी सबक नहीं लिया है। इसी कड़ी में भोपाल में पायरो से हादसा होते होते बचा है। राजधानी के बिट्टन मार्केट, गुलमोहर और होशंगाबाद रोड के बड़े क्लबों में हर रात जन्मदिन और एनिवर्सरी के नाम पर पायरो को टेबलों के बीचों-बीच चलाया जा रहा है। दो दिन पहले होशंगाबाद रोड स्थित मिडनाइट कैफे में पायरो से हादसा होते होते बचा था। पायरो को मिडनाइट क्लब में जलाते हुए वीडियो भी सामने आया है। इलेक्ट्रिक फायर पायरो नाइटलाइफ का स्टेटस सिंबल बन चुका है।

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पायरो का धुआं ऑक्सीजन के स्तर को भी कम कर देता

गोवा के रोमियो लेन क्लब में इसी पायरो के जलने के बाद 500 लोग जिन्दा जल गए थे। शॉर्ट सर्किट का खतरा ये इलेक्ट्रिक डिवाइस सीधे क्लब की पावर लाइन से जुड़े होते हैं। एक छोटा सा वोल्टेज फ्लक्चुएशन पूरे वायरिंग सिस्टम को स्वाहा कर सकता है। बंद हॉल (AC Hall) के अंदर लगातार इन पायरो का धुआं ऑक्सीजन के स्तर को भी कम कर देता है।

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क्षमता से दुगने लोग भरते

भोपाल के क्लब अपनी क्षमता से दुगने लोग भरते हैं। अगर पायरो से एक भी चिंगारी भड़की, तो भगदड़ में होने वाली मौतें आग से होने वाली मौतों से ज्यादा होंगी।

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