पटना। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी की परेशानियां एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किया है।
ED की दलील
ED की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने केवल 50 लाख रुपये देकर लगभग 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्जा किया। उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर आर्थिक अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है जिसमें पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
निचली अदालत से हाईकोर्ट तक
इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर कार्रवाई से इनकार कर दिया था। इसके बाद ED ने उस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 मार्च 2026 तय की है।
चार्जशीट में कौन-कौन नामजद
ED की चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, यंग इंडियन कंपनी और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया गया है। जांच एजेंसी के अनुसार इस मामले में अपराध से अर्जित आय करीब 988 करोड़ रुपये है जबकि संबंधित संपत्तियों का बाजार मूल्य लगभग 5,000 करोड़ रुपये बताया गया है।
कांग्रेस का जवाब
कांग्रेस ने इस पूरे मामले को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। पार्टी का कहना है कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है।
नेशनल हेराल्ड की पृष्ठभूमि
नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू और हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने की थी। इसका प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) करता था, जो 2008 में बंद हो गया। बाद में इसके अधिग्रहण को लेकर विवाद और कानूनी कार्रवाई शुरू हुई।
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