रायपुर। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने झीरम घाटी कांड में कांग्रेस की संलिप्तता का आराेप लगाया है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि झूठ का ‘अड्डा’ जेपी ‘नड्डा’। आज फिर एक बार छत्तीसगढ़ आकर भाजपा के ‘पर्ची’ राष्ट्रीय अध्यक्ष ने झीरम की घटना में अपनी जान गंवाने वाले शहीदों का अपमान किया है। सबसे पहले तो एनआईए सहित सुरक्षा एजेंसियों को जेपी नड्डा से पूछताछ कर उनके दावों के सबूत मांगने चाहिए।

भूपेश बघेल ने कहा, जेपी नड्डा जी! नक्सलियों के हमले में हमने अपने नेताओं की जान गंवाई है। आप सांठगांठ का आरोप लगाकर उनकी शहादत का अपमान कर रहे हैं। आपको बताना चाहिए कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के समय जब हम चाहते थे कि नक्सली हमले के पीछे षड्यंत्रकारी कौन है, उसका पता लगे, तब आप अदालतों में याचिका लगवाकर जांच को क्यों रोक रहे थे? आप क्यों नहीं षड्यंत्रकारियों का पता चलने देना चाहते थे? आप बताइए कि अब झीरम के कथित हमलावर हिरासत में हैं तो उनसे षडयंत्र के बारे में पूछताछ होगी?

बघेल ने कहा, आप नक्सलियों से लड़िए, यह हम सब चाहते हैं। आज जिस रास्ते पर चलकर नक्सलवाद सिकुड़ रहा है, वह रास्ता कांग्रेस की सरकार ने ही तैयार किया है, लेकिन आप उसे दरकिनार क्यों करना चाहते हैं? 15 साल आपकी सरकार रही तब आपने नक्सलवाद खत्म क्यों नहीं किया? तब तो नक्सली जनसंहार कर रहे थे। आदिवासियों को मार रहे थे। 700 गांव खाली हो गए थे और डॉ. रमन सिंह तो सुरक्षा सलाहकार केपीएस गिल से कह रहे कि वेतन लो और मौज करो!

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सार्वजनिक रूप से माफी मांगे जेपी नड्‌डा : दीपक बैज

नड्‌डा के बयान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी कड़ा ऐतराज जताया है। बैज ने इस बयान को पूरी तरह राजनीतिक और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए कहा है कि जेपी नड्डा को झीरम घाटी कांड में शहीद हुए नेताओं और कार्यकर्ताओं के परिजनों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा कि यदि सरकार स्वयं सरेंडर नक्सलियों से पूछताछ नहीं कर पा रही है तो कांग्रेस को अनुमति दी जाए, ताकि झीरम घाटी कांड की सच्चाई देश के सामने लाई जा सके।

कांग्रेस अध्यक्ष बैज ने कहा कि झीरम घाटी कांड के समय छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी और यह सर्वविदित तथ्य है कि घटना से पहले नक्सलियों ने चिट्ठी जारी कर कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा का विरोध किया था। इसके बावजूद सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए। यह सवाल आज भी अनुत्तरित है। उन्होंने कहा कि आज भी सिर्फ शहीद परिवार ही नहीं, बल्कि पूरा देश जानना चाहता है कि झीरम घाटी कांड की सच्चाई क्या है।

‘सरेंडर नक्सलियों से अब तक सच्चाई क्यों नहीं उगलवा पाई सरकार’

बैज ने आरोप लगाया है कि उस समय सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह विफल रही और इस भयावह घटना के जरिए तत्कालीन भाजपा सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने का प्रयास करती रही। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में टारगेट किलिंग जैसी घटनाएं हुईं और झीरम घाटी कांड उसी कड़ी का हिस्सा था। झीरम घटना में शामिल सभी नक्सली आज सरेंडर कर चुके हैं, इसके बावजूद सरकार उन सरेंडर नक्सलियों से अब तक सच्चाई क्यों नहीं उगलवा पाई, यह भी बड़ा सवाल है।