Yearender 2025: जयपुर। गुलाबी नगरी की सड़कों पर तेज रफ्तार और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई अब पहले से कहीं ज्यादा सख्त हो गई है। यातायात पुलिस की ओर से मोटर व्हीकल एक्ट (एमवी एक्ट) के तहत की गई कार्रवाई के ताजा आंकड़े चौंकाने वाले हैं।

जहां 2024 में पूरे सालभर में करीब 4.81 लाख चालान काटे गए, वहीं 2025 के सिर्फ 11 महीनों में ही यह आंकड़ा बढ़कर 5.72 लाख को पार कर गया, लेकिन असली कहानी छिपी है जुर्माने की वसूली में। वर्ष 2024 में जहां पुलिस ने 777 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि वसूल की, वहीं 2025 में यह गिरकर मात्र 439 करोड़ रुपए रह गई। क्या यह पुलिस की नई रणनीति का नतीजा है या लोगों ने नियम मानना शुरू कर दिया ? आइए गहराई से खंगालते हैं इन आंकड़ों की हकीकत।

चालान कटने का ग्राफ चढ़ा ऊपर, लेकिन वसूली क्यों गिरी ?

ट्रैफिक पुलिस के आधिकारिक तुलनात्मक आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में कुल 4,81,583 चालान दर्ज किए गए, जिनमें से 3,37, 122 पर चार्जशीट दाखिल हुई और कुल 77.78 करोड़ रुपए की प्रशमन राशि (जुर्माना वसूली) हुई। वहीं 2025 में नवंबर तक ही 5,72,549 चालान काटे जा चुके हैं। यानी पिछले साल के मुकाबले करीब 19% की बढ़ोतरी, लेकिन चार्जशीट की संख्या घटकर 1,37,611 रह गई और वसूली मात्र 43.96 करोड़ रुपए हुई। यह पिछले साल से 43% कम है। सूत्र बताते हैं कि 2025 में पुलिस ने ई-चालान और कैमरा आधारित निगरानी को और सख्त किया है, जिससे छोटे-छोटे उल्लंघनों पर भी चालान कट रहे हैं, लेकिन कई चालान कोर्ट में लंबित हैं या लोग कंपाउंडिंग (मौके पर कम जुर्माना) का फायदा ले रहे हैं, जिससे टोटल वसूली घटी है।

क्या कहते हैं ये आंकड़े

सड़क सुरक्षा के लिए ट्रैफिक विशेषज्ञों का मानना है कि चालान बढ़ना अच्छा संकेत है। मतलब पुलिस की निगरानी बढ़ी है। हेलमेट न पहनने, ओवर स्पीडिंग, गलत पार्किंग और सिग्नल तोड़ने जैसे उल्लंघनों पर अब कोई ढिलाई नहीं, लेकिन वसूली कम होने से सवाल उठता है कि क्या लोग चालान भर ही नहीं रहे या पुलिस अब ज्यादा चालान कोर्ट भेज रही है, पुलिस अधिकारियों का दावा है कि नई तकनीक जैसे इंटरसेप्टर और सीसीटीवी से कार्रवाई पारदर्शी हुई है। परिणामस्वरूप सड़क हादसे कम होने की उम्मीद है हालांकि आधिकारिक हादसों के आंकड़े अभी अलग से आने बाकी हैं।

आगे की राहः जागरूकता या और सख्ती

ये आंकड़े एक संदेश साफ देते हैं कि जयपुर की सड़कों पर अब नियम तोड़ना महंगा पड़ रहा है। अगर आप भी ड्राइव करते हैं तो हेलमेट, सीटबेल्ट और दस्तावेज याद रखें। पुलिस की यह अलविदा लापरवाही मुहिम 2026 में और तेज होने वाली है। अगले साल के पूरे आंकड़े आने पर पता चलेगा कि क्या यह सख्ती सच में सड़कें सुरक्षित बना पाएगी या सिर्फकागजों पर चालान बढ़े।

महीनों का हिसाबः कब हुई सबसे ज्यादा सख्ती

2024 में सबसे ज्यादा चालान मई महीने में कटे 61,485 जबकि जुलाई में 55,4621 वसूली के लिहाज से भी गर्मी के महीने पीक पर रहे। लेकिन 2025 में तस्वीर बदली। नवंबर में अचानक 1,70,572 चालान। यह साल का रिकॉर्ड है। सितंबर में भी 57,286 चालान कटे। जनवरी 2025 में 51,421 चालान के साथ साल की शुरुआत जोरदार हुई। जून और जुलाई जैसे महीनों में चालान कम (32,357 और 28,459) रहे, शायद मानसून में ट्रैफिक कम होने की वजह से। लेकिन कुल मिलाकर, 2025 में औसत मासिक चालान 2024 से काफी ज्यादा रहे।

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