Income Tax Refund: अगर आपने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (AY 2025-26) के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया है और अभी तक आपको रिफंड नहीं मिला है, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है. असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए रिफंड मिलने की उम्मीद है, लेकिन अगर आपका ITR प्रोसेस नहीं हुआ है, तो 31 दिसंबर 2025 के बाद किसी भी गलती को ठीक करना मुश्किल हो जाएगा.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) कई रिटर्न देर से प्रोसेस कर रहा है. अगर प्रोसेसिंग डेडलाइन के बाद होती है और कोई गलती सामने आती है, तो आप रिवाइज्ड रिटर्न फाइल नहीं कर पाएंगे. यह उन लोगों के लिए बड़ा जोखिम है, जो रिफंड क्लेम कर रहे हैं.

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Income Tax Refund
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CPC गलतियों को क्यों फ्लैग करता है?

ITR प्रोसेस होने के बाद सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) इसे फॉर्म 26AS, AIS और TIS से मिलान करता है. छोटी-छोटी गड़बड़ियां भी आपके रिफंड को रोक सकती हैं. आम समस्याएं TDS या TCS में मिसमैच, इंटरेस्ट इनकम, कैपिटल गेन की गलत रिपोर्टिंग या डिडक्शन शेड्यूल में गलती के कारण होती हैं.

कई लोग पहले से भरे हुए डेटा पर ही भरोसा कर लेते हैं, जो कई बार गलत होता है. इसी वजह से छोटी सी गलती भी टैक्स डिमांड का कारण बन सकती है. अगर आपका ITR 31 दिसंबर 2025 के बाद प्रोसेस होता है और उसमें कोई गलती पाई जाती है, तो आप रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे.

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अगर आपका रिफंड पेंडिंग है तो क्या करें?

अगर आपका रिटर्न अभी तक प्रोसेस नहीं हुआ है और डेडलाइन नजदीक है, तो सबसे पहले पोर्टल पर अपना ई-वेरिफिकेशन स्टेटस और बैंक अकाउंट वैलिडेशन जरूर चेक करें. अगर कोई पेंडिंग एक्शन या नोटिस दिखता है, तो ई-निवारण के जरिए ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें. देरी बनी रहने पर अपने ज्यूरिस्डिक्शनल असेसिंग ऑफिसर से संपर्क करना भी जरूरी है.

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क्या आपका रिफंड खतरे में है?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक छोटी-छोटी गलतियां या प्रोसेसिंग में देरी आपके रिफंड को रोक सकती है. डिपार्टमेंट की तरफ से होने वाली देरी को लेकर कोई सख्त कानून नहीं है. सुधार, शिकायत निवारण और CBDT की छूट जैसी व्यवस्थाएं मदद कर सकती हैं, लेकिन ये सभी बाद में उठाए जाने वाले कदम हैं.

रिफंड क्लेम करने वालों को सलाह दी जाती है कि वे अभी से अपने ITR प्रोसेसिंग स्टेटस पर नजर रखें और तुरंत जरूरी कार्रवाई करें. 31 दिसंबर के बाद आपके पास बहुत कम विकल्प बचेंगे. हजारों टैक्सपेयर्स इससे प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए जितनी जल्दी हो सके अपना ITR स्टेटस चेक करें और जरूरी कदम उठाएं.

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