पटना। बिहार में परीक्षा माफिया, साइबर अपराध, बालू माफिया और भू-माफिया के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने सख्त मोर्चा खोल दिया है। पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने हाल के महीनों में की गई बड़ी और संगठित कार्रवाइयों का खुलासा किया।

परीक्षा माफिया पर कड़ी कार्रवाई

डीआईजी ढिल्लो ने बताया कि चुनाव के बाद बहाली प्रक्रिया शुरू होते ही आयोजित परीक्षाओं में सक्रिय माफियाओं पर विशेष नजर रखी गई। जांच में सामने आया कि कुछ गिरोह वर्षों से परीक्षाओं को प्रभावित कर रहे थे।

संजीव मुखिया गैंग तक पहुंची जांच

EOU ने शेखपुरा से संजीव मुखिया गैंग से जुड़े संजय प्रभात को गिरफ्तार किया है, जिसका नाम पहले भी बीपीएससी घोटाले में आया था। वहीं चंदन नामक आरोपी को CTET, NEET और TRE-BPSC जैसी परीक्षाओं में धांधली के आरोप में पकड़ा गया। वह परीक्षार्थियों से पहले एक लाख और बाद में आठ लाख रुपये तक वसूली करता था।

बालू और भू-माफिया पर शिकंजा

बालू और भू-माफिया के खिलाफ विशेष टीम बनाई गई है। भू-माफिया के 8 लोगों की 37.79 करोड़ और बालू माफिया के 11 लोगों की 50.09 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति चिन्हित की गई है। मामलों को ED को भेजा जा रहा है।

अभियोजन और साइबर अपराध में सफलता

EOU ने NDPS और भ्रष्टाचार मामलों में 11 आरोपियों को सजा दिलाई है। साइबर अपराध में 1000 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं 8 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि पीड़ितों को लौटाई गई है।

डिजिटल अरेस्ट और सोशल मीडिया पर सख्ती

डिजिटल अरेस्ट जैसे नए साइबर फ्रॉड पर कार्रवाई जारी है। 130 मामलों में 30 गिरफ्तारियां हुई हैं। सोशल मीडिया दुरुपयोग के 108 केस दर्ज किए गए हैं। EOU जागरूकता अभियान भी चला रही है और यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है।