नालंदा। बॉलीवुड अभिनेता संजय मिश्रा नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा लेने पहुंचे और उन्होंने बिहार की पारंपरिक मिठाई सिलाव का खाजा का आनंद लिया। सिलाव की विश्व प्रसिद्ध खाजा चखने के बाद अभिनेता ने इसकी खूब तारीफ की और कहा कि इसका स्वाद पटना में खाए गए खाजा से बिल्कुल अलग और बेहतर है। संजय मिश्रा ने इस मिठाई को अपनी फिल्म दुर्लभ प्रसाद की दूसरी शादी की अभिनेत्री महिमा चौधरी के लिए भी पार्सल करवाया, ताकि वह भी इसका स्वाद चख सकें।
दुकान का दौरा किया
रांची लौटते समय उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सागर महोत्सव के विजेता काली शाह की दुकान का दौरा किया। यहां दुकान के मालिक संजीव और संदीप ने पुष्पगुच्छ और शॉल देकर उनका भव्य स्वागत किया। अभिनेता को देखते ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी और प्रशंसकों ने उनके साथ सेल्फी ली।
अपने विचार साझा किए
संजय मिश्रा ने नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल में अभिनय और भाषा पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि भाषा केवल संवाद बोलने का माध्यम नहीं है, बल्कि भाव व्यक्त करने का सबसे सशक्त हथियार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कलाकार को किसी लोकप्रिय किरदार की नकल करने के बजाय निर्देशक की सोच को समझकर अपनी सच्चाई के साथ भूमिका निभानी चाहिए। रचनात्मक भटकाव भी अभिनय का महत्वपूर्ण हिस्सा है और कई बार भाषा चुप रहकर भी बहुत कुछ कह देती है।
जिले की एक पारंपरिक मिठाई
सिलाव का खाजा नालंदा जिले की एक पारंपरिक मिठाई है और इसे जीआई टैग प्राप्त है। यह परतदार मिठाई हल्की मिठास, कुरकुरी बनावट और विशेष रूप से 52 परतों के लिए जानी जाती है। इसे पारंपरिक विधि से मैदा, घी और चीनी या गुड़ की चासनी में तैयार किया जाता है और यह बिहार की सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। देशभर के पर्यटक इसे चखने जरूर आते हैं।
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