शैलेंन्द्र पाठक, बिलासपुर। विधायक भीमा मंडावी की हत्या के मामले में हाईकोर्ट से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार की रिट पीटिशन को खारिज करते हुए सिंगल बेंच के जांच की जिम्मा एनआईए को दिए जाने के फैसले को बरकरार रखा है.
बता दें कि जस्टिस आरसी सामंत की सिंगल बेंच ने पहले ही मामले की जांच के दस्तावेज एनआईए को सौंपने के दिये थे. इस फैसले के खिलाफ शासन ने रिट याचिका दायर की थी. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में बुधवार को मामले की सुनवाई हुई. दरअसल, भीमा मंडावी हत्याकांड की राज्य सरकार ने न्यायिक जांच का निर्णय लिया था, वहीं केंद्र सरकार ने एनआईए जांच का आदेश देते हुए अधिसूचना जारी की थी.
इस अधिसूचना में एनआईए एक्ट और अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए राज्य सरकार से पुलिस जांच रोकने और मामले के दस्तावेज एनआईए को सौंपने को कहा गया था. एनआईए ने इसके बाद राज्य पुलिस की ओर से घटना से संबंधित जानकारी नही दिए जाने का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता किशोर भादुड़ी के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की थी. जिस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जांच से जुड़े सभी दस्तावेज एनआईए को सौंपने का आदेश जारी किया था.
उच्च न्यायालय की सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ शासन की ओर से हाईकोर्ट की डबल बेंच में रिट याचिका लगाई गई थी, जिस पर कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया है, जिसमें कोर्ट ने कहा है कि मामले की जांच एनआईए ही करेगी.