Rajasthan News: पिछले दिनों प्रदेश की अंता विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को मिली पराजय के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अब अपने निर्वाचन क्षेत्र झालरापाटन को लेकर पहले की तुलना में ज्यादा गंभीर और सजग नजर आ रही है। वसुंधरा राजे और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह पिछले कुछ दिनों से लगातार झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र का दौरा करके लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण करने का प्रयास कर रहे हैं। तो दूसरी तरफ झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को भी तेजी से गति देने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

वसुंधरा राजे अपने निर्वाचन क्षेत्र झालरापाटन के दौरे पर रही यहां पर वसुंधरा राजे ने लव कुश वाटिका का बारीकी से अवलोकन किया, इस दौरान जिला कलेक्टर और वानिकी और अन्य विभागों के अधिकारी उनके साथ थे। वसुंधरा राजे ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को लव कुश कुश वाटिका को जयपुर के झालाना डूंगरी के तर्ज पर विकसित करने के निर्देश दिए। वसुंधरा राजे वर्तमान में झालरापाटन से विधायक हैं और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह झालावाड़ लोकसभा सीट से चौथी बार के सांसद हैं दुष्यंत सिंह ने लगातार चौथी बार पिछला लोकसभा चुनाव जीता था।

वैसे तो वसुंधरा राजे और दुष्यंत सिंह झालावाड़ के काफी लोकप्रिय नेता माने जाते हैं क्योंकि प्रदेश की दो बार मुख्यमंत्री रहने के दौरान वसुंधरा राजे ने अपने निर्वाचन क्षेत्र और झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र में व्यापक स्तर पर विकास कार्य करवाए थे। इसलिए झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र में वसुंधरा राजे और दुष्यंत सिंह की जोरदार पकड़ है। लेकिन पिछले दिनों अंत विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को पराजय मिलने के बाद कहीं ना कहीं वसुंधरा राजे और दुष्यंत सिंह को चिंता में जरूर डाला है। इसीलिए वसुंधरा राजे और दुष्यंत सिंह उपचुनाव के नतीजे आने के बाद लगातार नियमित रूप से झालावाड़ लोकसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं।

जानकारों का कहना है कि अंता विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मोरपाल सुमन की पराजय को वसुंधरा राजे और दुष्यंत सिंह अब तक नहीं भूल पाए है क्योंकि मोरपाल सुमन वसुंधरा राजे की पसंद के ही उम्मीदवार थे और दुष्यंत सिंह ने मोरपाल सुमन के चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथों में ली हुई थी। लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन ने भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन को हरा दिया इसलिए वसुंधरा राजे और दुष्यंत सिंह अपने गढ़ को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर अभी से जुटे हुए दिख रहे हैं।

पढ़ें ये खबरें