Rajasthan News: पाली जिले के तखतगढ़ निवासी 68 वर्षीय व्यवसायी और गौ सेवक जगदीश रावल ने अपनी प्रिय गाय काजल के निधन पर कुछ ऐसा किया, जो पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया। 18 वर्ष की आयु में 16 दिसंबर को काजल की मृत्यु हो गई। इसके बाद न केवल पूरे विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया गया, बल्कि 26 दिसंबर को फार्म हाउस पर शोक सभा और प्रसादी का आयोजन भी रखा गया। काजल की अंतिम यात्रा ढोल-थाली के साथ निकाली गई।

जगदीश रावल के अनुसार काजल उनके लिए परिवार के सदस्य जैसी थी। फार्म हाउस में वे जहां भी जाते, काजल साथ-साथ चलती थी। अंतिम संस्कार खेत में गड्ढा खुदवाकर चुनरी ओढ़ाकर पारंपरिक रीति-रिवाजों से किया गया।

करीब 15 वर्ष पहले गुजरात में रहने वाले उनके भांजे राकेश रावल ने गोकशी के लिए ले जाई जा रही कुछ गायों को बचाया था। उन्हीं में से एक गाय उन्हें उपहार में मिली, जिसका नाम उन्होंने काजल रखा। इसी के बाद उनके जीवन में गौ सेवा की शुरुआत हुई।

तखतगढ़ गांव के पास बलवना स्थित सात बीघा के उनके फार्म हाउस में फिलहाल 12 बेसहारा, बीमार और सड़कों पर भटकने वाली गायों की सेवा की जा रही है। यहां गायों के लिए अलग-अलग शेड, पीने के पानी का तालाब, गर्मी में पंखे और सर्दियों में कंबल की व्यवस्था है। चारे के लिए आसपास फसल उगाई जाती है और देखभाल के लिए कर्मचारी भी रखा गया है।

जगदीश रावल ने अपनी गायों के नाम पत्नी, बेटी, बहू, पोती और अन्य परिजनों के नाम पर रखे हैं। उनका कहना है कि ये सभी गायें उन्हें मां के समान हैं, इसलिए परिवार के नाम से ही पुकारते हैं।

काजल गौ माता की स्मृति में 26 दिसंबर को गौ गोपाल फार्म हाउस में शोक सभा आयोजित की जा रही है। इसके लिए शोक संदेश पत्रिका छपवाकर गांव और परिचितों को आमंत्रण भेजे गए हैं। शोक सभा में गायों के लिए लापसी बनाई जाएगी, जबकि उपस्थित लोगों के लिए दाल-बाटी की प्रसादी रखी गई है।

शोक संदेश पत्रिका में उल्लेख किया गया है कि अत्यंत दुख के साथ सूचित किया जाता है कि गौ गोपाल की श्री काजल गौ माता का स्वर्गवास मंगलवार, 16 दिसंबर को हो गया। उनकी शांति के लिए बैठक 26 दिसंबर को रखी गई है। इस शोक सभा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है।

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