कुंदन कुमार, पटना। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका लगा है। आज गुरुवार (25 दिसंबर) को उनकी पार्टी के व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनंत कुमार गुप्ता सहित आठ नेताओं ने एक साथ अपना इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही इन नेताओं ने सीएम नीतीश की पार्टी जदयू में शामिल होने का भी ऐलान किया है।

इन नेताओं ने दिया है इस्तीफा

इस्तीफा देने वालों में नेताओं अनंत कुमार गुप्ता व्यवसायिक प्रकोष्ठ के बड़े नेता हैं। उनके अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश प्रसाद, उपाध्यक्ष शिवचंद्र प्रसाद, उपाध्यक्ष मोहनलाल, मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अजय कुमार बिट्टू, महासचिव गोपाल प्रसाद और गोपालगंज के जिलाध्यक्ष बासुकीनाथ गुप्ता के अलावा पटना पूर्वी के जिलाध्यक्ष शशि किशोर साह ने पार्टी से अपना इस्तीफा दिया है।

सिद्धांत और नीतियों से भटक चुकी है पार्टी

अनंत कुमार ने बताया कि, एक सप्ताह पूर्व ही पार्टी की प्रदेश कमेटी भंग कर दी गई। उन्होंने बताया कि, पार्टी के नेताओं में इस बात को लेकर मायूसी है कि, जिस निती एवं सिद्धांतों को लेकर वे पार्टी से जुड़े। आज खुद पार्टी ही अपने सिद्धांत और नीतियों से भटक चुकी है। उन्होंने कहा कि, पार्टी का विचारधारा अब समाप्त हो गई है. ऐसी स्थिति में स्वाभिमान के साथ समझौता कर पार्टी में बने रहना संभव नहीं है।

जदयू में शामिल होंगे सभी नेता

उपाध्याय शिवचंद्र प्रसाद ने कहा कि, पार्टी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा ने जिस तरह से बिहार चुनाव में अपनी पत्नी को टिकट दिया और विधायक बनाया। फिर अपने बेटे को मंत्री बनाया। यह साफ दिखाता है कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा अब राजद की तरह परिवारवाद वाली पार्टी बन गई है। इसलिए हम लोगों ने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल होने का मन बनाया है। 20 साल से वह प्रदेश के मुखिया हैं और सभी वर्ग के लोगों के लिए उन्होंने काम किया है। मुख्यमंत्री ने कभी भी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया है।

बेटे को मंत्री बनाने के बाद पार्टी में उभरा असंतोष

गौरतलब है कि चुनाव तक उपेंद्र कुशवाहा और उनकी पार्टी के लिए सबकुछ ठीक रहा। चुनाव में उनके हिस्से में आई चारों सीटों पर पार्टी को जीत भी मिली। लेकिन चुनाव में मिली एनडीए को प्रचंड बहुमत और पार्टी के खाते में आए मंत्रालय पद को जब उन्होंने अपने बेटे दीपक प्रकाश को दिया, तो पार्टी में बगावत शुरू हो गई। धीरे-धीरे पार्टी में असंतोष उभरा और एक-एक कर पार्टी के नेता अपना इस्तीफा देने लगे। कुशवाहा ने इस डैमेज को कंट्रोल करने के लिए पार्टी की प्रदेश इकाई समेत सभी प्रकोष्ठों और जिला इकाइयों को भंग कर दिया था, लेकिन पार्टी से नेताओं के इस्तीफे का सिलसिला अभी भी जारी है।

ये भी पढ़ें- बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का ऐतिहासिक फैसला, अब लोगों को नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तर के चक्कर, घर बैठे होगा काम