दिल्ली पुलिस का महत्वाकांक्षी ‘सेफ सिटी प्रोजेक्ट’ जल्द ही पूरा होने वाला है। इस प्रोजेक्ट के तहत शहर में 10,000 AI कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे सिर्फ निगरानी ही नहीं करेंगे, बल्कि संकट की स्थिति को खुद पहचानकर सीधे पुलिस कंट्रोल रूम को अलर्ट भेजेंगे। इसका मतलब है कि कोई PCR कॉल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे सुरक्षा तंत्र और भी तेज़ और प्रभावी बन जाएगा।

कब शुरू होगा ये प्रोजेक्ट?

सेफ सिटी प्रोजेक्ट की शुरुआत 2018 में हुई थी। हालांकि कई बार इसकी डेडलाइन आगे बढ़ी, लेकिन अब इसे 2026 में लॉन्च करने की योजना है। कैमरों का इंस्टॉलेशन लगभग पूरा हो चुका है। फिलहाल, सभी डेटाबेस को जोड़ने और रीयल-टाइम टेस्टिंग का काम चल रहा है, ताकि सिस्टम पूरी तरह प्रभावी और तुरंत काम करने योग्य हो।

AI कैसे काम करेगा?

रिपोर्ट के मुताबिक, ये कैमरे फेस रिकग्निशन और डिस्ट्रेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी से लैस होंगे। अगर कोई व्यक्ति संकट में होगा, तो उसके चेहरे के भाव, इशारों या आवाज़ के आधार पर सिस्टम खतरे को पहचान लेगा। ऐसी स्थिति में तुरंत अलर्ट C4i सेंटर (कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटिंग एंड इंटेलिजेंस) तक पहुंच जाएगा, जिससे पुलिस बिना देरी कार्रवाई कर सकेगी। इस सिस्टम में NCRB के अपराध रिकॉर्ड, अपराधियों के डोजियर, वाहन डेटाबेस और ZIPNET समेत कुल 32 डेटा सेट जोड़े जा रहे हैं। इससे संदिग्धों और अपराधियों को तेज़ी से ट्रैक करना संभव होगा और शहर की सुरक्षा व्यवस्था कहीं अधिक मजबूत बनेगी।

पुलिस को मिलेगी नई ताकत

सेफ सिटी प्रोजेक्ट में कुल 88 प्रखर वैन शामिल हैं। ये वैन बॉडी-वॉर्न कैमरे, व्हीकल कैमरे, GPS और कम्युनिकेशन डिवाइस से लैस होंगी। इसके अलावा, दो मोबाइल कमांड व्हीकल भी तैनात किए जाएंगे, जो बड़े संकट या किसी इवेंट के दौरान कंट्रोल रूम की तरह कार्य करेंगे। केंद्र सरकार के निर्भया फंड से लगभग 800 करोड़ रुपये की इस योजना को चलाया जा रहा है। तीन टेक्नोलॉजी कंपनियों को टेंडर मिल चुके हैं। पुलिस हेडक्वार्टर में विशेष टीम काम कर रही है, जबकि डीसीपी और जॉइंट सीपी रैंक के अधिकारी इसकी निगरानी कर रहे हैं। कैमरों की शुरुआत उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों से हुई थी और अब यह पूरे शहर में फैल चुकी है, जिससे दिल्ली की सुरक्षा तंत्र और भी सशक्त और त्वरित बन गया है।

ट्रैफिक भी होगा स्मार्ट

सेफ सिटी प्रोजेक्ट के साथ ही दिल्ली में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) भी जल्द शुरू होने वाला है। मुख्य चौराहों पर 500 ANPR कैमरे लगाए जाएंगे, जो नंबर प्लेट पढ़कर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर नजर रखेंगे। इससे जाम की स्थिति को रीयल-टाइम में मॉनिटर और सुधार किया जा सकेगा, जिससे राजधानी का ट्रैफिक अधिक सुरक्षित और सुचारू बन जाएगा।

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