दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के सभी प्राइवेट स्कूलों को फीस निर्धारण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए 10 जनवरी तक विद्यालय स्तरीय शुल्क निर्धारण समितियों का गठन करना होगा। यह प्रावधान हाल ही में बनाए गए नए कानून के तहत लागू किया गया है। सूद ने बताया कि दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) अधिनियम, 2025 को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में तैयार किया गया है। यह अधिनियम 1973 के दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम और नियमों के साथ-साथ लागू होगा। शिक्षा मंत्री के अनुसार, इस कानून का उद्देश्य प्राइवेट स्कूलों की फीस संरचना में पारदर्शिता लाना और अभिभावकों के हितों की रक्षा करना है।

2026 में लागू होंगे नियम

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि नए कानून के तहत नियम अधिसूचित किए जाने के बाद शिक्षा निदेशालय ने स्कूल और जिला स्तर पर शुल्क निर्धारण से जुड़ी समितियों के गठन के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत स्कूल स्तर पर शुल्क निर्धारण समितियां और जिला स्तर पर शुल्क अपीलीय समितियां बनाई जाएंगी। सूद के अनुसार, ये प्रावधान शैक्षणिक सत्र 2025–26 से लागू किए जाएंगे। जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, प्रत्येक स्कूल को 11 सदस्यीय स्कूल लेवल फीस कमेटी (School Level Fees Committee) का गठन करना होगा। इस समिति में विद्यालय के प्रधानाचार्य, अभिभावक प्रतिनिधि और शिक्षक शामिल होंगे।

25 जनवरी तक देने होंगे प्रस्ताव

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने आगे बताया कि स्कूल लेवल फीस कमेटियां स्कूलों से जुड़े सभी फीस प्रस्तावों की समीक्षा करेंगी, जिनमें कुछ विद्यालयों में पहले से लागू की गई शुल्क वृद्धि भी शामिल होगी। उन्होंने कहा कि 25 जनवरी तक स्कूलों को अपने शुल्क प्रस्ताव समिति के समक्ष प्रस्तुत करने होंगे। इसके बाद स्कूल लेवल फीस कमेटी को 30 दिनों के भीतर निर्णय लेना होगा। यदि तय समयसीमा के भीतर समिति कोई निर्णय नहीं ले पाती है, तो मामला स्वतः जिला स्तरीय शुल्क अपीलीय समिति के पास भेज दिया जाएगा।

शिक्षा सुधार का अहम फैसला

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि स्कूल लेवल फीस कमेटियों का प्रमुख उद्देश्य छात्रों को जवाबदेही, निष्पक्षता और समान अवसर सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, इसका मकसद मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाना भी है, जो लंबे समय से अभिभावकों की चिंता का विषय रहा है। सूद ने बताया कि सरकार ने 2025–26 के शुल्क प्रस्तावों के खुलासे और उनके पालन के लिए मानदंड निर्धारित किए हैं। इसके साथ ही, राज्य स्तरीय समिति के गठन और कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए अलग अधिसूचना जारी की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह कदम दिल्ली की शिक्षा सुधारों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और इससे फीस निर्धारण में पारदर्शिता बढ़ेगी।

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि नए कानून का उद्देश्य छात्रों के लिए निष्पक्षता, जवाबदेही और समान अवसर सुनिश्चित करना है। साथ ही इसका मकसद मनमानी फीस वृद्धि को रोकना भी है, जो लंबे समय से अभिभावकों की चिंता का विषय रहा है। सूद ने बताया कि शिक्षा विभाग ने 2025–26 के शुल्क प्रस्तावों के खुलासे और पालन के लिए मानदंड निर्धारित किए हैं। इसके अलावा, राज्य स्तरीय समिति के गठन और उसके कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी अलग से अधिसूचित की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने इस कदम को दिल्ली की शिक्षा सुधारों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया और कहा कि सरकार बच्चों के भावनात्मक, शारीरिक, वित्तीय और मानसिक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

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