पुष्पेंद्र सिंह, दंतेवाड़ा. केंद्रीय स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्री और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के झीरम घाटी को लेकर दिए बयान के बाद से सियासी बयानबाजी जारी है. नक्सलियों की गोली से मारे गए बस्तर टाइगर यानी महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र वर्मा ने इस मामले में बयान दिया है. उन्होंने पलटवार करते हुए नड्डा के बयान को शहीद कांग्रेस नेताओं का अपमान है. वहीं केंद्रीय गृहमंत्री से जेपी नड्डा को झीरम घाटी जांच में शामिल करने की मांग की है. (झीरम पर सियासत)

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झीरम घाटी हमले को लेकर नड्डा का बयान

पीसीसी के संयुक्त महासचिव छविंद्र कर्मा ने म कड़ा पलटवार किया है. उन्होंने नड्डा के बयान को झीरम घाटी में शहीद हुए कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का घोर अपमान बताया. छविंद्र कर्मा ने कहा कि झीरम घाटी कांड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित 32 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या हुई थी. इस घटना को लेकर देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना बयान देना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि पीड़ित परिवारों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है. उन्होंने सवाल उठाया कि उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी. जब इस मामले की जांच NIA ने की उस वक्त केंद्र में भाजपा सरकार थी. क्या भाजपा सरकार की जांच एजेंसियां असफल रहीं.

छविंद्र कर्मा ने आगे कहा कि झीरम घाटी कांड की NIA जांच रिपोर्ट और जेपी नड्डा के बयान आपस में मेल नहीं खाते. आखिर ऐसी कौन-सी जानकारी है, जो जेपी नड्डा के पास है लेकिन देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी NIA के पास नहीं. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 25 मई 2013 की इस दुखद घटना के बाद शहीद महेंद्र कर्मा के अंतिम संस्कार में तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आर.पी.एन. सिंह (वर्तमान भाजपा सांसद) उपस्थित थे. इसके अलावा तत्कालीन भाजपा सांसद और वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी दिल्ली से बस्तर आए और शोकाकुल परिवारों को सांत्वना दी. ऐसे में आज भाजपा नेतृत्व का इस तरह के आरोप लगाना न केवल विरोधाभासी है, बल्कि राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित भी प्रतीत होता है.

केंद्रीय गृहमंत्री से छविंद्र कर्मा ने की ये मांग

छविंद्र कर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मांग की है कि झीरम घाटी के इस नृशंस सामूहिक नरसंहार की निष्पक्ष और पुनः जांच कराई जाए. इस जांच में जेपी नड्डा को भी शामिल किया जाए, ताकि देश को सच्चाई पता चल सके. यह स्पष्ट हो सके कि स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े राजनीतिक हत्याकांड के असली सूत्रधार, साजिशकर्ता और गुनहगार कौन हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस भीषण नरसंहार को केवल “नक्सली घटना” बताकर अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकती. छविंद्र कर्मा ने देश और प्रदेश की सभी जांच एजेंसियों से मांग की कि इस सामूहिक हत्याकांड के दोषियों का शीघ्र पर्दाफाश किया जाए और उन्हें कड़ा से कड़ा दंड दिलाया जाए.

बता दें कि जनादेश परब में जांजगीर-चांपा पहुंचे जेपी नड्डा ने बयान दिया था कि झीरम घाटी कांड की जानकारी उनके बीच के लोगों को थी. नक्सल हमले में कांग्रेस के लोगों ने ही कांग्रेसियों को मरवाने का काम किया है. नक्सलियों के साथ कांग्रेस की दोस्ती रही है.