मुकेश मिश्रा,अशोक नगर। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित करीला धाम एक बार फिर चर्चा में है। माता सीता और लव-कुश की जन्मस्थली माने जाने वाले इस प्राचीन मंदिर में रंगपंचमी पर लगने वाले विशाल मेले के दौरान होने वाले राई नृत्य को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया है। कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें इस नृत्य को अश्लील बताकर आस्था और मर्यादा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
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करीला धाम मध्य प्रदेश का एक अनोखा तीर्थस्थल है, जहां भगवान राम के बिना माता सीता की पूजा होती है। यहां माता जानकी के साथ लव-कुश और महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमाएं विराजमान हैं। मान्यता है कि यहीं माता सीता ने वनवास के दौरान लव-कुश को जन्म दिया था। रंगपंचमी के अवसर पर यहां देशभर से लाखों श्रद्धालु जुटते हैं और विशाल मेला लगता है। इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता है राई नृत्य। सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, जब किसी श्रद्धालु की मन्नत पूरी होती है – खासकर संतान प्राप्ति की – तो वह माता के दरबार में बधाई स्वरूप राई नृत्य करवाता है।
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ऐसी मान्यता है कि लव-कुश के जन्मोत्सव पर स्वर्ग से अप्सराएं उतरी थीं और नृत्य किया था। तभी से यह बुंदेलखंड का पारंपरिक राई नृत्य भक्ति और उत्सव का प्रतीक बन गया। देशभर से नृत्यांगनाएं यहां आती हैं और ढोल-मंजीरे की थाप पर नृत्य प्रस्तुत करती हैं। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें मंदिर परिसर में हो रहे इस नृत्य को अश्लील करार दिया जा रहा है। आलोचकों का कहना है कि राई के नाम पर ठुमके लगना आस्था की मर्यादा के खिलाफ है।
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