अविनाश श्रीवास्तव/सासाराम। पर्यटन विकास की बड़ी योजना उस समय विवादों में घिर गई जब ट्रायल के दौरान ही निर्माणाधीन रोपवे का पिलर और ट्रॉली अचानक ध्वस्त हो गए। लगभग 13 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे इस प्रोजेक्ट की नाकामी ने विभागीय कार्यशैली और निर्माण गुणवत्ता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए है। दुर्घटना के समय ट्रॉली खाली थी जिससे बड़ा हादसा टल गया।

दुर्गम मार्ग को आसान बनाने की थी पहल

रोहतास प्रखंड मुख्यालय से ऐतिहासिक चौरासन मंदिर तक जाने वाले कठिन रास्ते को सुरक्षित और सुगम बनाने के उद्देश्य से इस रोपवे का निर्माण किया जा रहा था। काम पूरा होने के बाद नए वर्ष में इसे पर्यटकों के लिए शुरू करने की योजना थी लेकिन ट्रायल के दौरान पिलर भार सहन नही कर सका और ट्रॉली समेत जमीन पर गिर पड़ा।

गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर उठे प्रश्न

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हादसा निर्माण में घटिया सामग्री और लापरवाही का परिणाम है। लोगों ने रोपवे की सुरक्षा और टिकाऊपन पर सवाल उठाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

पर्यटन को लगा झटका

रोहतासगढ़ किला और चौरासन मंदिर हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं व पर्यटकों को आकर्षित करते रहे हैं। रोपवे शुरू होने से पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद थी लेकिन हादसे के बाद परियोजना एक बार फिर अधर में लटक गई है।

विधायक ने मानी चूक, जांच की मांग

स्थानीय लोजपा विधायक मुरारी प्रसाद गौतम ने घटना की निंदा करते हुए माना कि निर्माण में गंभीर चूक हुई है। उन्होंने विभाग और संवेदक की लापरवाही पर नाराजगी जताई और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।