अनूप दुबे, कटनी (ढीमरखेड़ा)। Katni News: कटनी जिले की ढीमरखेड़ा तहसील के उमरिया पान वन परिक्षेत्र से लगा हुआ है। यहां बंदरों के आतंक से आमजन परेशान तो हैं ही। लेकिन वर्तमान में सरकार के धान उपार्जन केंद्र में किसानों की धान की फसल खरीदी में भी व्यवधान पैदा कर रहे हैं। बंदरों का आतंक ऐसा  है कि अगर उन्हें कोई भगाने  की कोशिश करें तो उन्हें काटने को दौड़ते हैं और आक्रोशित हो जाते हैं। डरे सहमे अधिकारी-कर्मचारी उन्हें नुकसान करते हुए देखते रहते हैं। 

क्षेत्रीय बुजुर्ग बताते हैं कि बंदरों का आतंक आज से नहीं है। तकरीबन एक शतक से ज्यादा का समय बीत गया है और बंदर उमरिया पान में ही डेरा जमाए रहते हैं। स्थानीय रहवासियों के साथ व्यापारियों का भी नुकसान कर रहे हैं। कई मामलों में राहगीरों को भी बंदर ने अपना निशाना बनाया है। लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं बन पाई। 

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में बंदरों के आतंक के कारण बड़वारा विधानसभा के एक गांव में ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार भी कर दिया था। क्योंकि लगातार शिकायत करने के बाद भी इनका आतंक खत्म करने की प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं बनाई थी। 

बीएसएनएल विभाग की लापरवाही कहीं पड़ न जाए भारी

ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत भवन और ग्राम पंचायत भवन के बीच में बीएसएनएल विभाग के द्वारा टावर लगाने के लिए गड्ढे खोदे गए हैं। तकरीबन एक माह पहले गड्ढे खोदकर खुले में छोड़ दिया गया है। जिसमें किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था और सूचना पटल नहीं लगाया गया। मुख्यालय स्थित दो आधार केंद्र में इन दोनों बच्चों की भी आवाजाही होती है और खुले गड्ढे में हादसों का अंदेशा बना रहता है।  

स्थानीय रहवासियों ने बताया कि सुबह एक गाय गिर गई थी और दोपहर में एक कुत्ता गड्ढे में गिर गया। कुत्ते के मुंह में एक डिब्बा भी फंसा था जिसे बड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने गड्ढे से निकाला। ग्राम पंचायत देवरी बिछिया के सरपंच पति राहुल दुबे ने बताया कि ग्राम में बीएसएनएल विभाग के द्वारा बिना पंचायत की अनुमति के गड्ढे खोदकर खुले में छोड़ दिए गए हैं। जिससे आए दिन घटनाएं हो रही हैं। जनपद अध्यक्ष पति संतोष दुबे ने मुख्यालय की समस्या के मामले में एसडीएम से शिकायत कर व्यवस्था बनाने का आश्वासन दिया।

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