Salman Khan: बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की कानूनी चुनौतियां एक बार फिर बढ़ गई हैं। राजस्थान के कोटा स्थित उपभोक्ता अदालत ने पान मसाला के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले में सलमान खान को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। साथ ही, अदालत ने दाखिल किए गए पावर ऑफ अटॉर्नी पर किए गए हस्ताक्षरों की फोरेंसिक जांच (FSL) कराने के आदेश भी दिए हैं।

अदालत ने स्पष्ट किया कि मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी, जिसमें अभिनेता को अपने अधिवक्ता आर.सी. चौबे के साथ उपस्थित होना होगा। संबंधित पावर ऑफ अटॉर्नी और जवाब को नोटरी कराने की प्रक्रिया भी जांच के दायरे में रहेगी।

यह मामला अधिवक्ता एवं भाजपा नेता इंद्र मोहन सिंह हनी द्वारा 15 अक्टूबर को दायर शिकायत से जुड़ा है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि राजश्री पान मसाला और अभिनेता सलमान खान केसर-युक्त इलायची और केसर-युक्त पान मसाला के नाम पर भ्रामक विज्ञापन के जरिए उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहे हैं।

याचिका में तर्क दिया गया कि जब केसर की कीमत लगभग चार लाख रुपये प्रति किलोग्राम है, तो पांच रुपये के पान मसाला पाउच में केसर की मौजूदगी संभव नहीं है। शिकायतकर्ता का कहना है कि ऐसे विज्ञापन युवाओं को पान मसाला के सेवन की ओर आकर्षित करते हैं, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

इस मामले की पिछली सुनवाई 9 दिसंबर को हुई थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने सलमान खान की ओर से दाखिल पावर ऑफ अटॉर्नी पर किए गए हस्ताक्षरों और अदालत के नोटिस के जवाब पर आपत्ति जताई थी। इसी के बाद अदालत से फोरेंसिक जांच की मांग की गई थी।

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने हस्ताक्षरों की जांच के आदेश देते हुए सलमान खान को अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश जारी किए हैं।

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