Ratan Tata Birthday : आज 28 दिसंबर को भारत के महान उद्याोगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा की जन्म जयंती मनाई जा रही है. 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में पारसी परिवार में जन्मे रतन टाटा ने न सिर्फ भारतीय उद्योग जगत को वैश्विक पहचान दिलाई, बल्कि सादगी, संवेदनशीलता और परोपकार की मिसाल भी कायम की. 9 अक्टूबर 2024 को उनके निधन के बाद भी उनके विचार, कार्य और मूल्य करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं. उनकी जयंती पर आइए, 10 बिंदुओं में जानें उनका प्रेरणादायक जीवन…

बचपन में संघर्ष, दादी ने संभाली परवरिश

रतन टाटा का बचपन आसान नहीं रहा. 1948 में माता-पिता के अलग होने के बाद उनकी परवरिश दादी नवाजबाई टाटा ने की, जिन्होंने उन्हें मूल्यों और अनुशासन की सीख दी.

अमेरिका से उच्च शिक्षा

रतन टाटा ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से बी.आर्क की डिग्री हासिल की. पढ़ाई के बाद उन्होंने अमेरिका में नौकरी भी की, जिससे उन्हें वैश्विक कार्यसंस्कृति का अनुभव मिला.

प्यार हुआ, पर शादी नहीं

उन्होंने जीवन में विवाह नहीं किया. एक इंटरव्यू में रतन टाटा ने बताया था कि अमेरिका में प्रेम हुआ, लेकिन परिस्थितियों के कारण रिश्ता विवाह तक नहीं पहुंच सका.

मालिक नहीं, कर्मचारी बनकर की शुरुआत

भारत लौटने के बाद रतन टाटा ने टाटा स्टील में एक सामान्य कर्मचारी की तरह काम शुरू किया—प्लांट में कठिन काम कर बिज़नेस की जमीनी समझ बनाई.

1991 में संभाली टाटा ग्रुप की कमान

1991 में उन्होंने टाटा ग्रुप की बागडोर संभाली. उनके नेतृत्व में समूह ने तेज़ी से विस्तार किया और कई कंपनियां वैश्विक ब्रांड बनीं.

ग्लोबल पहचान दिलाई

टाटा मोटर्स, टाटा टी, टाटा स्टील जैसे ब्रांड्स को उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती दिलाई. अधिग्रहण और नवाचार उनकी पहचान बने.

परोपकार और सादगी की मिसाल

अरबपति होने के बावजूद रतन टाटा सादगी से जिए. उन्होंने अपनी आय का बड़ा हिस्सा शिक्षा, स्वास्थ्य और समाजसेवा में दान किया.

डॉग लवर

रतन टाटा को जानवरों से विशेष लगाव था. मुंबई में उनका ड्रीम एनिमल हॉस्पिटल पशु कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है.

आम आदमी के लिए ‘नैनो’ का सपना

आम आदमी के लिए कार का सपना साकार करते हुए उन्होंने टाटा नैनो लॉन्च की, जिसने भारतीय ऑटोमोबाइल इतिहास में नई सोच जोड़ी. 

उन्हें मिले प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान

रतन टाटा को उनके असाधारण योगदान के लिए देश-विदेश में कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया, जिनमें प्रमुख हैं—

  • पद्म भूषण (2000)
  • पद्म विभूषण (2008)
  • ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया (ऑस्ट्रेलिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान)
  • फ्रांस सरकार द्वारा दिया गया सर्वोच्च नागरिक सम्मान
  • देश-विदेश की कई यूनिवर्सिटीज़ से मानद डॉक्टरेट उपाधियां

जिम्मेदार नागरिक

अपने निधन से कुछ माह पहले, 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने 86 वर्ष की उम्र में मतदान कर लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई.

रतन टाटा की जयंती पर देश उन्हें एक ऐसे उद्योगपति के रूप में याद कर रहा है, जिन्होंने दौलत से ज्यादा इंसानियत को महत्व दिया. उनका जीवन संदेश देता है कि सच्ची विरासत धन से नहीं, मूल्यों और सेवा से बनती है.

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