लखनऊ. जर्मन शेफर्ड नस्ल का कुत्ता टोनी एक महीने से पेट की गंभीर बीमारी से जूझ रहा था. टोनी की तबीयत खराब होने के कारण उसकी देखभाल करने वाली दो सगी बहनें राधा और जिया गहरे मानसिक तनाव में चली गईं थीं. इन बहनों का अपने पालतू कुत्ते के साथ गहरा लगाव था. जब टोनी की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, तो उन्होंने डिप्रेशन में आकर आत्महत्या करने का खतरनाक कदम उठाया. तीन दिन पहले दोनों बहनों ने फिनायल पीकर जान दे दी थी. अब टोनी भी इस दुनिया में नहीं रहा. शनिवार सुबह टोनी की भी मौत हो गई.
सुसाइड करने से पहले उन्होंने अपनी मां से आखिरी इच्छा जाहिर की थी, जिसमें कहा था, “हमारे मरने के बाद डॉगी को घर से भगाना मत”. यह घटना न केवल जानवरों के प्रति एक गहरे प्रेम और लगाव को दर्शाती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को भी उजागर करती है. जब मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है, तो इससे व्यक्ति के निर्णय और सोच पर गंभीर असर पड़ता है.
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इस घटना ने यह भी साबित कर दिया कि पालतू जानवरों से जुड़ा रिश्ते भी गहरे हो सकते हैं और उनका खोना मानसिक रूप से बहुत कष्टकारी हो सकता है. यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो अपने मानसिक स्वास्थ्य का सही ध्यान नहीं रखते और पालतू जानवरों के साथ अपने रिश्ते को किसी तरह की अव्यक्त उम्मीदों पर आधारित करते हैं.
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