कुंदन कुमार, पटना। शिक्षा विभाग लगातार शिक्षकों के प्रमाण-पत्र की जांच कर रही है। ऐसे में वर्ष 2005 से 2015 के बीच बहाल हुए 2,912 शिक्षकों का सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया है। विभाग ने इन लोगों पर प्राथमिकी भी दर्ज किया है। जिन शिक्षकों के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए हैं, उनके खिलाफ बिहार के अलग-अलग जिलों के थानों में भी एफआईआर दर्ज की गई है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच के बाद केस दर्ज हुआ है।
निगरानी की जांच में इनके प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। 30 नवंबर तक 1707 एफआईआर दर्ज की गई है। अब तक 6,46,796 शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच हो चुकी है। पटना हाई कोर्ट के निर्देश पर निगरानी विभाग 10 साल से जांच कर रही है।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीजी जे. एस. गंगवार ने बताया कि, वर्ष 2025 में अब तक अलग-अलग जिलों में 126 नए एफआईआर दर्ज की गई है। जांच में फर्जी डिग्रियों का रैकेट भी सामने आया है। फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी पाने वाले शिक्षकों को बर्खास्त किया जा सकता है। इसके साथ ही उनकी नौकरी जाने के साथ उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।
ऐसे टीचर जिन्होंने वेतन और भत्ते लिए हैं। सरकार उनसे वसूल भी कर सकती है। इस साल मार्च में सबसे ज्यादा 21 मामले सामने आए। जबकि जनवरी में 16 और नवंबर में 15 प्राथमिकी दर्ज हुई है। यह प्रक्रिया हर महीने समीक्षा के जरिए आगे बढ़ाई जा रही है।
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