Bengaluru Bulldozer Action: बेंगलुरु बुलडोजर एक्शन पर कांग्रेस (Congress) के अंदर ही महासंग्राम मच गया है। बेंगलुरु के कोगिला लेआउट में हुई बुलडोजर एक्शन (तोड़फोड़ की कार्रवाई) ने बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। इस मुद्दे ने कांग्रेस के भीतर ही असहज सवाल खड़े कर दिए हैं। कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार कार्रवाई को सही ठहरा रही है। वहीं पार्टी नेतृत्व मानवीय और राजनीतिक नुकसान की दुहाई देकर सीएम सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार (Deputy CM DK Shivakumar) से इस पर धैर्य के साथ फैसला लेने की नसीहत दी है।
यह पूरा मामला बेंगलुरु के बाहरी इलाके में येलहंका के पास कोगिलू गांव का है। यहां तोड़फोड़ की कार्रवाई ने कांग्रेस पार्टी के भीतर खलबली मचा दी है। इस कार्रवाई के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं और विपक्ष के हमलों के साथ-साथ कांग्रेस के भीतर से भी असहज सवाल उठने लगे हैं, जिससे कर्नाटक सरकार बचाव के मोड में आ गई है।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से इस मुद्दे पर बात की। वेणुगोपाल ने कोगिलू गांव से लोगों को हटाने की कार्रवाई को लेकर गहरी चिंता जताई और कहा कि इस तरह के कदमों में कहीं ज्यादा सावधानी, संवेदनशीलता की जरूरत होती है. उन्होंने साफ कहा कि फैसलों में मानवीय कीमत को सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए। केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी इस पूरी कार्रवाई के तरीके को लेकर सहज नहीं है। उन्होंने बताया कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ने भरोसा दिलाया है कि वे खुद प्रभावित परिवारों से संवाद करेंगे। शिकायत निवारण तंत्र बनाएंगे और पुनर्वास व राहत सुनिश्चित करेंगे।
केरल सीएम पिनराई विजयन ने कार्रवाई का विरोध किया
यह विवाद तब और गहराया जब केरल सीएम पिनराई विजयन ने इस कार्रवाई को बुलडोज़र राज करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बेंगलुरु में मुस्लिम परिवारों को निशाना बनाकर उजाड़ा गया, जिससे यह मुद्दा केवल प्रशासनिक न रहकर वैचारिक और राजनीतिक बहस में बदल गया। कर्नाटक सरकार का कहना है कि यह कदम सुरक्षा और पर्यावरणीय कारणों से उठाया गया, जबकि आलोचकों का दावा है कि मानवीय संवेदनशीलता की अनदेखी की गई।
पिनराई विजयन पर डीके शिवकुमार का पलटवार
इस पूरे विवाद में सबसे उल्लेखनीय पहलू मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का एक सुर में बोलना। दोनों नेताओं को आमतौर पर पार्टी के भीतर प्रतिद्वंद्वी माना जाता है, लेकिन कोगिला लेआउट मामले में उन्होंने एक-दूसरे के साथ खड़े होकर सरकार की कार्रवाई का बचाव किया है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की आलोचना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि कर्नाटक से बाहर के नेताओं को बयान देने से पहले जमीनी हकीकत समझनी चाहिए। डीके शिवकुमार ने कहा कि यह कार्रवाई सार्वजनिक भूमि की रक्षा के लिए की गई है और किसी भी समुदाय को निशाना बनाने का सवाल नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भूमि माफिया के हित जुड़े लोग कचरा डंपिंग साइट पर अतिक्रमण कर उसे झुग्गी बस्ती में बदलना चाहते थे।
सरकार ने बचाव में क्या कहा
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि येलहंका के पास कोगिलू बदवाने क्षेत्र की जमीन कचरा डंपिंग साइट है, जो मानव निवास के लिए उपयुक्त नहीं है और उस पर अतिक्रमण किया गया था। उन्होंने कहा कि परिवारों को पहले ही कई बार नोटिस जारी कर वहां से हटने को कहा गया था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिसके बाद बेदखली की कार्रवाई जरूरी हो गई है
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