पुरषोत्तम पात्र,गरियाबंद। जिले के उरमाल में एसडीएम ने पटवारी के साथ धान को लेकर छापेमार कार्रवाई की है. यहां व्यापारियों की गोदामों से कई क्विंटल धान जब्त किया है.उरमाल में एसडीएम की छापेमारी में व्यापारी ने जिस रकबे से धान उत्पादन बताया उसका आधा से ज्यादा रकबा 4 महीने पहले ही बिक चुका था, बचा हुआ रकबा टिकरा जमीन था फिर भी गिरदावरी में पूरे रकबे का उल्लेख कर धान पैदावारी बताया गया.
गुरुवार को एसडीएम भूपेंद्र साहू ने उरमाल में छापामार कार्रवाई की. टीम ने व्यापारी राजकुमार अग्रवाल के गोदाम को खुलवाया तो वहां से 80 पेकेट धान मिला, ,स्रोत पूछे जाने पर व्यापारी के बेटे जितेंद्र ने लदरा स्थित 4 एकड़ जमीन का ऋण पुस्तिका दिखाते हुए यहां से धान लाना बताया.
लदरा में मौजूद खसरा नम्बर 113/2 के रकबा 1.60 का उरमाल सहकारी समिति में धान बेचने व्यापारी द्वारस पंजीयन भी किया गया है. मौके पर ही एसडीएम ने पटवारी हेमंत सिन्हा के जरिये इस रकबे का ऑनलाइन क्रॉस चेकिंग करवाया तो ,गड़बड़ी का खुलासा हुआ.
29 अक्टूबर को पंजीयन इस रकबे का 0.80 हिस्सा लदरा निवासी आरक्षित क नाम 3 माह पहले ही चढ़ गया था. पंजीयन से पहले रकबे के सही आकलन के लिए कराए गए गिरदावरी में ही गड़बड़ी देख एसडीएम ने तत्काल जांच के आदेश दिए.पटवारी हेमंत सिन्हा को दो दिनों के भीतर रिजॉर्ट सौपने को कहा है. एसडीएम साहू ने कहा कि रिपोर्ट के बाद पंजीयन निरस्त करने के अलावा जिम्मेदार पर कार्रवाई होगी.
सर्गिगुड़ा में मौजूद खसरा नम्बर 68 के पंजीयन को भी अफसरो ने जांच के दायरे में लिया है, यह जमीन राजकुमार के बेटे जितेंद्र के नाम पर पंजीकृत है. बताया गया कि यह रकबा टिकरा जमीन की श्रेणी में आता है,पर इसके कुछ हिस्से को धनहा बताया गया है.
दिन भर चलती रही कार्रवाई –
उरमाल के व्यापारी किशन अग्रवाल के यहां से 240 क्वींटल धान बरामद किया गया. अफसरों के मुताबिक रिकॉर्ड मेंटेन था पर लाइसेंस एक्सपायरी होने के कारण जब्त किया गया है. वहीं धूरवापथरा में भी नरेश सिन्हा के मकान में रखे 240 पेकेट धान को टीम ने पकड़ा है,रकबे का सत्यापन किया जा रहा है,मिलान नहीं हुआ तो इस धान को भी जब्त कर कार्रवाई किया जाएगा.