अशफाक अंसारी, बीना। एक मां की ममता और मजबूरी की ये तस्वीर आपके दिल को भी दहला सकती है। 75 साल की बूढ़ी मां अपने दिव्यांग बेटे का सहारा बनी हुई और सिर्फ 600 रुपये की पेंशन के लिए पिछले 6 महीने से दर-दर की ठोकरें खा रही है।

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राशन का भी लाभ नहीं मिल पा रहा

जानकारी अनुसार 75 साल की बेनी बाई, पाठक वार्ड की रहने वाली। इनके साथ इनका दिव्यांग बेटा राजेंद्र विश्वकर्मा जो एक कच्चे मकान में रहते हैं। घर में लाइट नहीं होने से अंधेरा छाया रहता है। उन्हें पेंशन के साथ शासन की ओर से मिलने वाले राशन का भी लाभ नहीं मिल पा रहा। मां-बेटे का एक ही सहारा सरकार 600 रुपये महीने की पेंशन था, लेकिन पिछले छह महीनों से ये भी बंद है। बेनी बाई लड़खड़ाते कदमों से अपने बेटे का हाथ थामे 6 महीने से नगर पालिका से लेकर तहसील के चक्कर लगा रही है।

बेटा दिव्यांग और देख नहीं सकता

महिला का कहना है कि हमारा कोई सहारा नहीं है बेटा दिव्यांग और देख नहीं सकता है। 600 रुपए भी नहीं मिल रहा और ना ही दिव्यांग बेटे को पेंशन दी गई, और दी तो वह भी एक महीने की। अधिकारियों के अनुसार “महिला के फिंगर और रेटिना से केवाईसी नहीं हो पा रही है। मामले में एसडीएम विजय डेहरिया का कहना है कि महिला की पेंशन को लेकर अधिकारियों से चर्चा की गई है। पेंशन जल्द शुरू हो जाएगी। वहीं बिजली और राशन के लिए नगर पालिका अधिकारी को निर्देश दिए हैं

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