प्रदूषण से जूझ रही राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने और वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया जा रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की संख्या बढ़ाने के तहत नए साल में डीटीसी के बेड़े में करीब 3,500 ई-बसें शामिल की जाएंगी। इससे जहां एक ओर दिल्ली में बसों की मौजूदा कमी को दूर किया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर प्रदूषण के स्तर में भी उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है। दिल्ली मेट्रो फेज-4 को लेकर भी तेजी से काम करने की योजना है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने फेज-4 के तीन प्राथमिकता वाले कॉरिडोर को शुरू करने का लक्ष्य तय किया है। इन कॉरिडोर पर मेट्रो सेवाएं शुरू होने के बाद दिल्ली मेट्रो नेटवर्क 400 किलोमीटर से अधिक और एनसीआर में मेट्रो नेटवर्क 450 किलोमीटर के पार पहुंच जाएगा।

मौजूदा समय में दिल्ली में डीटीसी बसों की संख्या कम होने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल डीटीसी और क्लस्टर को मिलाकर कुल 5,398 बसें सड़कों पर चल रही हैं। इनमें 3,518 इलेक्ट्रिक बसें और 1,880 सीएनजी बसें शामिल हैं। दिल्ली सरकार की योजना के तहत नए साल से सीएनजी बसों को चरणबद्ध तरीके से सड़कों से हटाया जाएगा। वर्तमान में डीटीसी के बेड़े में 149 सीएनजी बसें बची हैं, जिन्हें भी आने वाले दिनों में हटाने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा, 1,731 क्लस्टर सीएनजी बसें भी अगले वर्ष सड़कों से हटाई जाएंगी।

अधिकारियों के मुताबिक, CNG बसों की जगह नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी, ताकि सार्वजनिक परिवहन को मजबूत किया जा सके और राजधानी में प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके। इस बदलाव के दौरान यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर भी काम किया जा रहा है।

बसों की कमी को दूर करने के लिए दिल्ली परिवहन निगम (DTC) अपने बेड़े को तेजी से मजबूत करने में जुटा है। इसी कड़ी में डीटीसी किराए पर इलेक्ट्रिक बसें लेकर सार्वजनिक परिवहन क्षमता बढ़ा रहा है। योजना के तहत मार्च तक करीब 1,500 अतिरिक्त ई-बसें सड़कों पर उतारने का लक्ष्य रखा गया है। इन बसों के शामिल होने के बाद दिल्ली में ई-बसों की संख्या 5,000 से अधिक हो जाएगी। इसके अलावा, नवंबर तक 2,000 और ई-बसें शामिल किए जाने की संभावना है, जिससे राजधानी में ई-बसों की कुल संख्या 7,000 के पार पहुंच जाएगी।

63 किलोमीटर बढ़ जाएगा मेट्रो का नेटवर्क

दिल्ली मेट्रो फेज-4 के तहत राजधानी के मेट्रो नेटवर्क में बड़ा विस्तार होने जा रहा है। फेज-4 के तीन प्राथमिकता वाले कॉरिडोर में शामिल मौजपुर–मजलिस पार्क कॉरिडोर पूरी तरह परिचालन के लिए तैयार हो चुका है। इसके अलावा, जनकपुरी पश्चिम–आरके आश्रम कॉरिडोर पर दीपाली चौक से मजलिस पार्क के बीच 9.9 किलोमीटर का हिस्सा भी तैयार हो गया है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) के अनुसार, जनकपुरी पश्चिम–आरके आश्रम कॉरिडोर के शेष हिस्से के साथ-साथ निर्माणाधीन तुगलकाबाद–एरोसिटी कॉरिडोर का काम भी इसी वर्ष पूरा कर लिया जाएगा। डीएमआरसी का कहना है कि इस वर्ष के अंत तक फेज-4 के तीनों प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के कुल 63.39 किलोमीटर हिस्से में मेट्रो परिचालन शुरू हो जाएगा। इससे दिल्ली और एनसीआर के मेट्रो नेटवर्क में उल्लेखनीय विस्तार होगा और यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी के साथ यातायात जाम व प्रदूषण से भी राहत मिलने की उम्मीद है।

दिल्ली को मिलेगी पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन

दिल्ली को जल्द ही पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिलने वाली है। इसके लिए उत्तर रेलवे ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। प्रस्तावित योजना के मुताबिक, यह स्लीपर वंदे भारत ट्रेन नई दिल्ली से पटना के बीच चलाई जाएगी। इस ट्रेन के शुरू होने से दिल्ली और बिहार के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को तेज, आरामदायक और आधुनिक रेल सेवा का लाभ मिलेगा। स्लीपर कोच होने के कारण यह ट्रेन लंबी दूरी की यात्रा को और सुविधाजनक बनाएगी।

RRTS के पूरे हिस्से पर चलेगी नमो भारत ट्रेन

दिल्ली–मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का 82.15 किलोमीटर लंबा पूरा कॉरिडोर लगभग तैयार हो चुका है। वर्तमान में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ के बीच नमो भारत ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, नए वर्ष में इस पूरे कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। इसके पूरा होने से दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा का समय काफी कम होगा और यात्रियों को तेज, सुरक्षित व आधुनिक परिवहन सुविधा मिलेगी।

फेज 4 के कॉरिडोर पर चलेगी नई मेट्रो ट्रेन

दिल्ली मेट्रो फेज-4 के विस्तार को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) फेज-4 कॉरिडोर के लिए 312 मेट्रो कोच (52 ट्रेनसेट) की खरीद कर रहा है, जिनकी डिलीवरी शुरू हो चुकी है और ये कोच दिल्ली पहुंचने लगे हैं। डीएमआरसी के अनुसार, फेज-4 की नई मेट्रो ट्रेनों का सबसे पहले परिचालन जनकपुरी पश्चिम–आरके आश्रम कॉरिडोर पर किया जाएगा। खासतौर पर दीपाली चौक से मजलिस पार्क के बीच तैयार किए गए हिस्से पर इन नई ट्रेनों को उतारने की योजना है।

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