Rajasthan News: कोटा में मृत गायों को खुले में फेंके जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। नगर निगम क्षेत्र में पशु निस्तारण की अव्यवस्था से नाराज गौरक्षक धरने पर बैठे थे। इसी दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का काफिला वहां रुका। वे रविवार सुबह झालावाड़ से ब्यावर जा रही थीं।

राजे ने मौके पर पहुंचकर गौरक्षकों से बातचीत की और उनकी शिकायतें सुनीं। उन्होंने साफ कहा कि वे सनातनी हैं और गौमाता के संरक्षण में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

गौरक्षकों ने आरोप लगाया कि कोटा में मृत गायों का सम्मानजनक अंतिम संस्कार नहीं किया जा रहा। इतना ही नहीं, मृत गायों की आड़ में जिंदा गायों की हत्या कर गौमांस बेचने की बात भी सामने आई। यह सुनते ही वसुंधरा राजे ने कोटा रेंज के डीआईजी राजेंद्र गोयल और एसपी तेजस्विनी गौत्तम को मौके पर तलब किया। उन्होंने पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए राजे ने कहा कि गौरक्षक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अफसर सुनने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, जनता चुस्त है और अफसर सुस्त। 14 दिसंबर से लोग अपनी बात रख रहे हैं, फिर भी प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। ऐसा रवैया स्वीकार नहीं किया जाएगा।

डीएसपी मनीष शर्मा ने बताया कि गौरक्षकों की शिकायत पर मृत मवेशी उठाने वाले ठेकेदार के खिलाफ आरकेपुरम थाने में मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि ठेकेदार शवों से चमड़ी निकालकर उन्हें बेकद्री से फेंक देता है और दफनाने के नियमों का पालन नहीं करता। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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