रायपुर. शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 29 हजार 800 पन्नों की चार्जशीट पेश की, जिसमें आबकारी विभाग के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर आशीष श्रीवास्तव का नाम जोड़ा गया है. ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में उनका नाम शामिल नहीं था. हालांकि अब आशीष श्रीवास्तव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि सचिव कम आयुक्त आर संगीता के तीन जनवरी को छुट्टी से लौटने के बाद कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा मामले में आरोपी बनाए गए 31 अधिकारियों के खाते को सीज कर दिया गया है. कुल 38.21 करोड़ रुपए की संपत्ति सीज की गई है. साथ ही उन अफसरों की खाते कार्रवाई में शामिल हैं, जिनकी पत्नियों के कहते में संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिले हैं.

बता दें कि ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में 29 अफसर आरोपी बनाए गए थे. इनमें से 22 को 7 जुलाई 2025 को सस्पेंड कर दिया गया था. बाकी 7 रिटायर हो चुके हैं. हाल ही में आयुक्त निरंजन दास को भी गिरफ्तार किया गया है.

90 करोड़ की हुई बंदरबांट

हंडी ने जांच में पाया है कि शराब घोटाले में अफसरों को करीब 90 करोड़ रुपए बांटे गए. इसमें पूर्व आयुक्त निरंजन दास को 18 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई. इकबाल खान को 12 करोड़, नोहर सिंह ठाकुर को 11 करोड़, नवीन प्रताप सिंह तोमर को 6.7 करोड़, राजेश जायसवाल को 5.79 करोड़, अनिमेष नेताम को 5.28 करोड़ और दिनकर वासनिक, गंभीर सिंह, अरविंद पटले, आशीष कोसम, अनंत सिंह, सौरभ बक्शी, प्रकाश पाल, गरीबपाल सिंह, मोहित जायसवाल को 2 करोड़ रुपए से अधिक की रिश्वत दी गई. आशीष श्रीवास्तव को भी 54 लाख रुपए दिए जाने के सबूत ईडी को मिले हैं. 

इनकी संपत्ति अटैच कर चुकी है ईडी

क्रमांकनामअचल संपत्ति (₹)चल संपत्ति (₹)
1नवीन प्रताप सिंह2,44,92,90536,19,524
2गंभीर सिंह1,14,15,27549,76,561
3मोहर सिंह ठाकुर1,76,46,8572,14,17,682
4नीतू नोतानी61,45,5351,47,40,739
5अरविंद पटले1,34,06,00092,12,729
6प्रकाश पाल65,41,00070,30,866
7अनंत कुमार सिंह38,98,26686,59,494
8अश्वनी कुमार अनंत34,08,0008,86,559
9अनिमेष नेताम3,30,33088,72,166
10मंजूश्री केसर34,88,00097,17,938
11जनार्दन सिंह कौरब49,00,00045,35,201
12प्रमोद कुमार नेताम45,23,30028,92,454
13देवलाल वैद्य7,36,00045,94,541
14दिनकर वासनिक45,19,58269,12,733
15बेदराम लहरे48,51,0008,42,799
16इकबाल अहमद खान15,61,65049,89,359
17मोहित जयसवाल16,32,00066,564
18नितिन खंडूजा81,81,8973,04,391
19जीतूराम मंडावी30,54,32440,85,030
20अरलेखा राम सिदार15,95,177
21लखन लाल ध्रुव1,36,51,570
22आशीष कोसम90,39,696
23गरीबपाल सिंह47,19,082
24विजय सेन शर्मा69,81,522
25विकास गोस्वामी84,595
26सौरभ बक्शी85,08,994
27राजेश जायसवाल14,11,529
28सोनल नेताम3,21,105
29रामकृष्ण मिश्रा9,33,717
30आशीष श्रीवास्तव54,00,000
31निरंजन दास8,83,33,291

अफसरों ने कराई थी करोड़ों की एफडी

क्रमांकनामएफडी की राशि
1अनंत सिंह₹75.26 लाख
2आलेख राम सिदार₹3.90 लाख
3देवलाल वैद्य₹1.10 करोड़
4गंभीर सिंह नेताम₹40 लाख
5सौरभ बक्शी₹9 लाख

आय से अधिक संपत्ति का केस 

अधिकतर अफसरों के पास आय से अधिक संपत्ति मिली है. इसलिए इन पर एक केस आय से अधिक संपत्ति का भी चलेगा. इन्हें यह बताना होगा कि इतनी संपत्ति कहां से आई. क्योंकि अधिकतर अफसरों का वेतन वर्तमान में 1 से 1.5 लाख रुपए महीने है. ऐसे में 20 साल की नौकरी में औसत एक करोड़ से अधिक वेतन नहीं पा सकते. जबकि कई अफसरों के पास 5 करोड़ से अधिक की संपत्ति -मिली है.

अफसरों की बहाली अब कोर्ट के फैसले के बाद ही संभव

सस्पेंड किए गए अफसरों को 50% वेतन दिया जाता है. नियमानुसार 90 दिन में चार्जशीट दाखिल नहीं होती है, तो वेतन 75% कर दिया जाता है. लेकिन अब ईडी ने अपनी अंतिम कंप्लेन दाखिल कर दी है, ऐसे में इन अफसरों की बहाली का रास्ता भी बंद हो गया है. अब न्यायालय से निर्णय आने के बाद ही बहाली संभव हो पाएगी. इसमें से कुछ अफसर अगले एक-दो साल में रिटायर होने वाले हैं. – वेतन लेने के लिए इन अफसरों को अब कोर्ट से अनुमति लेनी होगी, क्योंकि 5 इनके खाते ईडी ने सीज कर रखे हैं.