नितिन नामदेव, रायपुर। राजधानी रायपुर के दुर्गा नगर के 120 परिवारों को शहर से दूर पिरदा में विस्थापित करने के प्रस्ताव का EWS परिवार संघ ने विरोध किया है और दुर्गा नगर में ही पुनर्वास की मांग के लिए महापौर के नाम जोन कमिश्नर अरुण ध्रुव को ज्ञापन सौंपा। अपनी मांग को लेकर झुग्गी बस्ती वासियों ने नगर निगम के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हम दुर्गा नगर बस्ती वासयों को हमारे पुश्तैनी आवास से विस्थापित करने के निर्णय का विरोध करते हैं।
झुग्गी बस्ती वासियों ने कहा, नगर निगम द्वारा दुर्गा नगर के लगभग 120 परिवारों (जो 60-70 वर्षों से यहां निवासरत हैं) को शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर पिरदा इलाके में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव पूर्णत: अस्वीकार्य है। प्रस्तावित स्थान पर न तो बुनियादी सुविधाएं (बिजली-पानी) है और न ही रोजगार के अवसर, जो हमारे आजीविका, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए भविष्य को संकट में डालेगा।


प्रदर्शनकारियों ने कहा, हमारी स्पष्ट मांग है कि जिस प्रकार रायपुर के जलविहार काॅलोनी के निवासियों को तेलीबांधा तालाब (मरीन ड्राइव) के पास ही बीएसयूपी काॅलोनी बनाकर पुनर्वासित किया गया, उसी मिसाल के तहत हमें भी दुर्गा नगर में हमारे मौजूदा स्थान पर ही पक्के आवास उपलब्ध कराया जाए। पिरदा में आवास की चाबी स्वीकार करने वाले परिवार भी अब इस अन्यायपूर्ण विस्थापन के विरोध में हमारे साथ खड़े हैं। हम सभी चाबियां वापस करते हैं और स्पष्ट करते हैं कि दूर-दराज के बिना सुविधाओं वाले इलाके में जाना हमारी सहमति नहीं है।
लोगों ने कहा, यह निर्णय गरीब और दलित विरोधी नीति का उदाहरण है। हमारा स्थानांतरण न केवल असंवैधानिक है बल्कि पूर्णतः अव्यावहारिक ही है। विस्थापन और पुनर्वास के मुद्दे पर देश में लंबे और अहिंसक आंदोलनों का इतिहास रहा है, जो हमें न्याय की आशा दिलाता है। हम सरकार से ‘सबका साथ, सबका विकास के संकल्प और सतत विकास लक्ष्यों में निहित सामाजिक न्याय के सिद्धांत का सम्मान करने की अपेक्षा करते हैं। हमारी मांगें पूरी न होने पर हमें विस्तारित आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। हम तत्काल हस्तक्षेप की अपेक्षा करते हैं और इस मामले को मानवीय आधार पर सुलझाने की मांग करते हैं।
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