CG News : सत्या राजपूत, रायपुर. छत्तीसगढ़ में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में सरकारी अधिकारी-कर्चचारी ने मोर्चा खोल दिया है. सोमवार से छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन द्वारा तीन दिवसीय कलम बंद-काम बंद आंदोलन किया जा रहा है. चरणबद्ध आंदोलन के दौरान संचालनालय से लेकर प्रदेश के सभी कलेक्टर कार्यालय और सभी सरकारी कार्यालयों में काम ठप रहेगा. 

दरअसल, 54 विभागों के करीब 4 लाख 10 हजार कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. इसका सीधा असर सरकारी दफ्तरों के कामकाज पर देखने को मिल रहा है. आम लोगों के जरूरी काम नहीं हो पा रहे हैं. आज से 31 दिसंबर तक सरकारी कार्यालय का बहिष्कार किया जाएगा. फेडरेशन की लंबित मांगों के निराकरण नहीं होने पर यह आंदोलन किया जा रहा है. यह स्पष्ट किया गया है कि उनका आंदोलन शातिपूर्ण रहेगा, लेकिन कामकाज पूर्णत: बंद रहेगा. वह सरकार से सकारात्मक पहल करने की मांग कर रहे हैं.

क्या है प्रदर्शनकारियों की मांगे :-

1. मोदी की गारंटी अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र सरकार के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) एवं महंगाई राहत (DR) दिया जाए.

2. मोदी की गारंटी अनुसार वर्ष 2019 से लंबित DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए.

3. प्रदेश के लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए.

4. प्रदेश में चार स्तरीय पदोन्नत समयमान वेतनमान कमशः 8,16,24,32 वर्ष में दिया जाए.

5. सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को भी त्रिस्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए तथा नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए.

6. प्रदेश में अन्य भाजपा शासित राज्यों की भांति प्रदेश में कैशलेस सुविधा लागू की जाए.

7. प्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति निःशर्त लागू करने स्थायी आदेश जारी जारी किया जाये. वर्तमान में 10 प्रतिशत सीलिंग समाप्त करते हुए सीधी भर्ती के समस्त पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दिया जाए.

8. मध्यप्रदेश की भांति प्रदेश में अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए.

9. प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए समस्त सेवा लाभ दिया जाय. साथ ही प्रदश के पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाये.

10. प्रदेश के विभिन्न विभागों में सेटअप पुनरीक्षित नहीं होने के कारण अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी को देखते हुए सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जाए.

11. प्रदेश में कार्यरत कार्यभारित, दैनिक वेतन भोगी, अनियमित, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण करते हुए नियमित पदस्थापना में नियुक्त किया जाए.