कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश में बिजली के टैरिफ बढ़ाए जाने के खिलाफ भारतीय वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बिजली बिल के टैरिफ में बढ़ोत्तरी के लिए विद्युत नियामक आयोग और सरकार पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।
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आयोग से स्पष्टीकरण जारी करने की मांग
दरअसल बिजली के रेट बढ़ाने में विद्युत नियामक आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए है। नियामक आयोग के सीजीएम शैलेन्द्र सक्सेना पर घाटा बढ़ाने के आदेश देने का आरोप है। विद्युत नियामक आयोग से मामले में स्पष्टीकरण जारी करने की मांग की है।
फैसला वापस लेने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
बता दें कि विद्युत वितरण कंपनियां 10.2% टैरिफ फिर बढ़ाने जा रही है। 6 हजार 44 करोड़ का घाटा बता टैरिफ बढ़ाने की तैयारी है। 6 हजार 44 करोड़ में 12 साल पुराना 3451 करोड़ का घाटा जोड़ा गया है। 3451 करोड़ घाटे की राशि को आयोग अस्वीकृत कर चुका है। 3451 करोड़ अस्वीकृत करने के बावजूद उसे नए घाटे में जोड़ा गया है। अप्रैल 2026 से बढ़े हुए बिजली के दर लागू होंगे। पीजी नाजपांडे- अध्यक्ष, नागरिक उपभोक्ता मार्ग दर्शक मंच और टीके राय- अध्यक्ष, भारतीय वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन फैसला वापस न लेने तक नियामक आयोग के खिलाफ आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है।
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