Rajasthan News: भिवाड़ी के कहरानी औद्योगिक क्षेत्र में गुजरात एटीएस, जयपुर एसओजी और भिवाड़ी पुलिस ने छापेमारी कर नींद की नकली दवा बनाने की फर्जी फैक्ट्री का खुलासा किया।

टीम ने छापेमारी में करीब 22 किलो नींद की दवा में इस्तेमाल होने वाले केमिकल, टैबलेट व मशीनें जब्त की हैं। इसकी कीमत 32.56 करोड़ रु. बताई गई है। ये नकली दवाएं गुजरात के रास्ते कई राज्यों और अमेरिका-कनाडा तक सप्लाई होती थीं। टीम ने यूपी के 3 केमिकल इंजीनियरों को गिरफ्तार किया है।

गुजरात पुलिस को इनपुट मिला था कि कहरानी औद्योगिक क्षेत्र के प्लॉट नंबर एच/ 13-डी में एपीएल फामकिम नाम की कंपनी में नशीली और नकली नींद की दवा बन रही है। प्लांट से करीब 4.8 किग्रा. अल्प्राजोलम और 17 किग्रा. टेमाजैपाम, पैराजेपाम, सनसेट यैलो मिश्रण सीज किया है। फैक्ट्री के लिए बंद पड़ी एक कंपनी के परिसर को एक महीने पहले ही किराए पर लिया था। यहां गुपचुप मशीने लगाकर नीद की दवा अल्प्राजोलम मिश्रण बनाते थे। जो गुजरात भेजकर टेबलेट की शक्ल में बेचा जाता था।

मामले में भिवाड़ी पुलिस ने एनडीपीएस में मामला दर्ज करते हुए उत्तर प्रदेश के गांव तेवर (वाराणसी) निवासी केमिस्ट कृष्णा पुत्र श्रीयादव, आगरा की राजामंडी निवासी अंशुल शास्त्री पुत्र अनिल कुमार और गांव भैरूपुर, संत रविदास नगर निवासी अखिलेश मौर्या पुत्र पारसनाथ मौर्य को गिरफ्तार किया है।

तीनों से पूछताछ की जा रही है। 6 माह खुशखेड़ा में चलाई फैक्ट्री, तीनों युवक केमिकल इंजीनियरः भिवाड़ी में कई फार्मास्युटिकल कंपनी कार्यरत हैं। इसीलिए आरोपियों ने यहां प्लांट लगाए थे। कहरानी से पहले आरोपियों ने करीब 6 माह तक खुशखेड़ा में प्लांट भी चलाया। उक्त प्लॉट बिकने के बाद कहरानी में भादरी निवासी फारुख के प्लॉट को 60 हजार रुपए महीने में किराये पर लिया था।

पकड़े गए तीनों युक्कों ने केमिकल इंजीनियरिंग में एमटेक किया हुआ है। वे गुजरात की कंपनियों के जरिये दवा बाजार में खपाते थे। चूंकि यह स्टॉक रिकार्ड पर नहीं था, इसके जरिये करोड़ों रुपए की काली कमाई की जा रही थी। आशंका है कि ये दवाएं मुंबई-दिल्ली और मेट्रो शहरों की रेव पार्टियों में भी नशीले मिश्रण के रूप में सप्लाई किए जाते हैं।

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