विदेश मंत्रालय ने सोमवार को पाकिस्तान के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें भारत पर धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार का दावा किया गया था. विदेश मंत्रालय (MEA) ने अल्पसंख्यकों को लेकर लगाए गए पाकिस्तान के आरोपों को सिरे से खारिज किया और दोटूक कहा कि पड़ोसी देश का खुद अपने यहां अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार का भयावह रिकॉर्ड रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोमवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी के उन आरोपों का जवाब दिया, जिनमें भारत में अल्पसंख्यकों को लेकर गलतबयानी की गई थी. जायसवाल ने इन टिप्पणियों को न सिर्फ खारिज किया बल्कि पाकिस्तान को आईना भी दिखाया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान में विभिन्न धर्मों के अल्पसंख्यकों का जिस तरह से व्यवस्थित और भयानक उत्पीड़न होता है, वह एक स्थापित तथ्य है. पूरी दुनिया जानती है कि वहां अल्पसंख्यकों की क्या स्थिति है. पाकिस्तान का अपना ट्रैक रिकॉर्ड खुद बोलता है.

भारत ने साफ किया कि पाकिस्तान अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए दूसरों पर उंगली उठा रहा है. कोई भी झूठा आरोप या बयानबाजी उस कड़वी सच्चाई को नहीं छिपा सकती जिसे पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हर रोज झेलते हैं. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने सोमवार को क्रिसमस पर तोड़फोड़ के आरोप लगाते हुए चिंता जताई थी और मोहम्मद अखलाक का भी जिक्र किया था. ये भी कहा था अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर गौर करके कदम उठाने चाहिए. इस पर भारत ने कड़ा जवाब दिया है.

पाकिस्तान ने क्या कहा?

दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की थी कि वह भारत में कथित तौर पर धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं पर ध्यान दे. उन्होंने क्रिसमस से जुड़ी तोड़फोड़ और मुसलमानों पर हमलों के आरोप लगाए थे. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, उन्होंने 2015 के दादरी मामले में मोहम्मद अखलाक की हत्या का हवाला देते हुए कहा कि भारत में लिंचिंग मामलों के आरोपियों को संरक्षण दिया जाता है.

भारत ने दिया करारा जवाब

इससे पहले भी विदेश मंत्रालय ने भारत के आंतरिक मामलों पर पाकिस्तान की टिप्पणियों को कड़ी भाषा में खारिज किया था. अयोध्या में राम मंदिर पर ध्वज फहराने को लेकर पाकिस्तान की आपत्ति पर भारत ने कहा था कि पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. रणधीर जायसवाल ने तब पाकिस्तान के ‘कट्टरता, दमन और अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार से भरे रिकॉर्ड’ की याद दिलाई थी.

भारत ने पाकिस्तान से कहा कि वह निराधार आरोप लगाने के बजाय अपने देश के खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड पर ध्यान दे. विदेश मंत्रालय ने साफ शब्दों में कहा कि पाखंडी बयानबाजी छोड़कर पाकिस्तान को अपने यहां की हकीकत पर नजर डालनी चाहिए.

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