PM Modi On Begum Khaleda Zia Death: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। खालिदा जिया को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ है। उनकी आत्मा को शांति मिले।
बता दें कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख और बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री ने ढाका के एवरकेयर हॉस्पिटल में आज सुबह 6 बजे अंतिम सांस ली। खालिदा पिछले कई साल से सीने में इन्फेक्शन, लिवर, किडनी, डायबिटीज, गठिया और आंखों की परेशानी से जूझ रहीं थीं। वे 20 दिन से वेंटिलेटर पर थीं।
खालिदा जिया के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि- पूर्व प्रधानमंत्री और BNP चेयरपर्सन बेगम खालिदा ज़िया के ढाका में निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उनके परिवार और बांग्लादेश के सभी लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं। भगवान उनके परिवार को इस दुख को सहने की हिम्मत दे।
पीएम मोदी ने लिखा कि- बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर, बांग्लादेश के विकास और भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके अहम योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। मुझे 2015 में ढाका में उनसे हुई अपनी गर्मजोशी भरी मुलाकात याद है। हमें उम्मीद है कि उनका विज़न और विरासत हमारी पार्टनरशिप को गाइड करती रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।
बीएनपी ने जारी किया बयान
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की ओर से जारी बयान के अनुसार, सुबह करीब 6 बजे ढाका के एवरकेयर अस्पताल में खालिदा जिया का निधन हुआ। पिछले एक महीने से ज्यादा समय से इसी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। पार्टी नेताओं और समर्थकों ने उनकी मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें एक बड़ी राजनीतिक हस्ती के तौर पर याद किया, जिन्होंने बांग्लादेश के आधुनिक राजनीतिक इतिहास में अहम भूमिका निभाई थी। पार्टी ने कहा, हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और सभी से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने का अनुरोध करते हैं।
खालिदा जिया का भारत से खास कनेक्शन
बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का भारत के साथ गहरा नाता रहा है। खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को अविभाजित भारत के बंगाल प्रेसिडेंसी (पश्चिम बंगाल) के जलपाईगुड़ी में हुआ था। उनका मूल नाम खालिदा खानम पुतुल था। हालांकि घर वाले खालिदा जिया को प्यार से ‘पुतुल’ कहे थे। 1947 के भारत विभाजन के बाद उनका परिवार दिनाजपुर शहर (तत्कालिन पूर्वी पाकिस्तान) चला गया। खालिदा की शादी पाकिस्तानी सेना के कैप्टन जियाउर रहमान से हुई। 1965 में शादी के बाद खालिदा जिया पति के साथ पाकिस्तान चली गईं। उन्होंने अपना नाम बदलकर खालिदा जिया रख लिया। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान जियाउर रहमान तैनात थे। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान की करारी शिकस्त हुई। इसके बाद एक नये देश बांग्लादेश ( तत्कालिन पूर्वी पाकिल्तान) का जन्म हुआ। बांग्लादेश बनने के बाद जियाउर रहमान बाद में बांग्लादेश के राष्ट्रपति बने और खालिदा 1977 से 1981 तक बांग्लादेश की प्रथम महिला रहीं।
हालांकि खालिदा जिया का भारत से खास कनेक्शन होने के बावजूद हमेशा हिंदुस्तान के साथ टकराव की मुद्रा में रहीं। खालिदा जिया की पाकिस्तान पृष्ठभूमि की वजह से उनका भारत के साथ टकराव होता रहा। भारत के साथ उनका रिश्ता अक्सर टकराव और अविश्वास से भरा रहा। खालिदा जिया की राजनीति का आधार ही भारत-विरोधी राष्ट्रवाद माना जाता है।
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