जगदलपुर। बस्तर संभाग में साल 2025 नक्सल इतिहास में माओवादियों के लिए अब तक का सबसे भारी साबित हो रहा है. जंगलों में सक्रिय नक्सल नेटवर्क को इस साल फोर्स ने सीधे तौर पर उसकी सबसे बड़ी ताकत हथियार और IED नेटवर्क पर करारा प्रहार किया है. सबसे ज्यादा हथियार और हथियार बनाने के मशीन करेगुट्टा के पहाड़ियों से बरामद हुआ है. आंकड़े खुद कहानी बयान कर रहे हैं. एक साल के भीतर फोर्स ने माओवादियों से 665 हथियार और करीब 995 आईईडी बरामद कर नक्सल रणनीति की रीढ़ तोड़ दी है. यह पिछले वर्षों की तुलना में दोगुनी से अधिक सफलता मानी जा रही है.

खास बात यह रही कि इस बार आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने भी बड़ी संख्या में हथियारों के साथ सरेंडर किया, जो यह साफ संकेत देता है कि संगठन के भीतर दबाव लगातार बढ़ रहा है. अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए माओवादियों के पास से भी फोर्स को AK-47, LMG जैसे अत्याधुनिक हथियार हाथ लगे हैं. इसके अलावा जंगलों में लंबे समय से डंप कर छिपाए गए हथियारों को भी फोर्स ने रिकवर किया है.

बस्तर आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक, जब्त किए गए 665 हथियारों में करीब 250 हथियार अत्याधुनिक श्रेणी के हैं, जो माओवादियों की बड़ी साजिशों का हिस्सा थे. इतना ही नहीं, फोर्स ने माओवादियों की सबसे खतरनाक रणनीति IED वार को भी काफी हद तक निष्क्रिय किया है. ऑपरेशन के दौरान 950 से ज्यादा प्रेशर और रिमोट (केबल) IED बरामद की गई हैं, जो जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए प्लांट की गई थीं.

वरिष्ठ पत्रकारों और सुरक्षा जानकारों का मानना है कि माओवादी लंबे समय से सीधे हमलों से बचते हुए IED के जरिए फोर्स को नुकसान पहुंचाने की रणनीति पर काम कर रहे थे, लेकिन अब वही रणनीति फेल होती नजर आ रही है. बस्तर में लगातार बढ़ती यह कार्रवाई यह संकेत दे रही है कि माओवादी न सिर्फ हथियारों के मोर्चे पर कमजोर पड़ रहे हैं, बल्कि उनका मनोबल भी टूट रहा है.
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