देहरादून। उत्तराखंड के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में जो कुछ हुआ है, वह केवल एक प्रशासनिक चूक नहीं बल्कि भाजपा सरकार की वन माफियाओं के साथ चली आ रही सुनियोजित मिलीभगत का गंभीर उदाहरण है। जहां वन भूमि को लोग आस्था और परंपरा से पूजनीय मानते हैं, वहीं भाजपा शासन में उन्हीं वनों को लूट का माध्यम बना दिया गया।

माफियाओं के गठजोड़ को दर्शाता है

यशपाल आर्य ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय की कठोर टिप्पणी यह उजागर करती है कि 4 दशकों तक 2,866 एकड़ अधिसूचित सरकारी वन भूमि पर अतिक्रमण होता रहा और राज्य सरकार ने जानबूझकर आंखें मूंदे रखीं। 1984 में 594 एकड़ भूमि वन विभाग को लौटाए जाने के बावजूद, 2001 में निजी दावों को पुनः मान्यता देना सत्ता संरक्षण और माफियाओं के गठजोड़ को दर्शाता है।

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पर्यावरण संतुलन और जनजीवन की रीढ़

देवभूमि की वन संपदा, जो पर्यावरण संतुलन और जनजीवन की रीढ़ है, उसे भाजपा सरकार ने माफियाओं के हवाले कर दिया। यह न केवल कानून का अपमान है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के साथ विश्वासघात भी है।

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आने वाले चुनावों में उत्तराखंड की जनता इस अन्याय का करारा जवाब देगी और भाजपा को सत्ता से बाहर करेगी। कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड की वन संपदा, पर्यावरण संरक्षण और जनहित की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस जिम्मेदारी को पूरी दृढ़ता के साथ निभाएगी।