अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर ईरान अपने बैलिस्टिक मिसाइल या परमाणु कार्यक्रम को फिर से बनाने का प्रयास करता है तो अमेरिका उसके खिलाफ एक और सैन्य हमला करेगा। सोमवार को फ्लोरिडा के मार-ए-लागो क्लब में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि वाशिंगटन तेहरान की गतिविधियों पर करीब से नजर रख रहा है।
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका ईरान के मिसाइल कार्यक्रम को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हमले का समर्थन करेगा तो उन्होंने कहा कि अगर ईरान अपनी परमाणु क्षमताओं को फिर से विकसित करने की कोशिश करता है तो वह ईरान पर तुरंत हमले का समर्थन करेंगे। ट्रंप ने कहा कि अगर वे मिसाइलों का निर्माण जारी रखेंगे तो परमाणु हथियारों का भी एक विकल्प होगा। दूसरा, हम इसे तुरंत करेंगे।”
ट्रंप ने आगे कहा, “यह ज्यादा समझदारी भरा कदम है। पिछली बार जब हमने उन पर बड़ा हमला किया था, उससे पहले वे समझौता कर सकते थे।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मैंने सुना है कि ईरान फिर से अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और अगर वे ऐसा कर रहे हैं तो हमें उन्हें हराना होगा। हम उन्हें हरा देंगे। हम उन्हें बुरी तरह से कुचल देंगे।”
ट्रंप की ईरान को खुली धमकी
उन्होंने आगे कहा, “हमें पूरी जानकारी है कि वे कहां जा रहे हैं और क्या कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा रास्ता नहीं अपनाएंगे, क्योंकि हम B-2 बॉम्बर पर ईंधन खर्च नहीं करना चाहते। इसमें दोनों ओर से मिलाकर करीब 37 घंटे की उड़ान होती है, और मैं इस तरह ईंधन की बर्बादी नहीं चाहता।”
अमेरिका का सबसे ताकतवर फाइटर जेट है B-2
B-2 अमेरिका का सबसे आधुनिक और ताकतवर स्टेल्थ बॉम्बर है, जिसका इस्तेमाल सिर्फ बेहद गंभीर और बड़े सैन्य अभियानों में किया जाता है। जून में ईरान पर हुए अमेरिकी हमले में भी इसी का इस्तेमाल किया गया था, इसलिए ट्रंप उसी कार्रवाई की याद दिला रहे थे। B-2 स्टेल्थ बॉम्बर की सटीक ईंधन खपत सार्वजनिक नहीं की जाती, लेकिन माना जाता है कि B-2 बॉम्बर औसतन हर घंटे करीब 20 हजार से 25 हजार किलोग्राम जेट फ्यूल खर्च करता है। 37 घंटे की उड़ान हो, तो इसमें लगभग 7 लाख 40 हजार से 9 लाख 25 हजार किलोग्राम तक ईंधन खर्च हो सकता है। यानी एक ही मिशन में करीब 750 से 900 टन जेट फ्यूल जल जाता है।
इतनी मात्रा में ईंधन की खपत हजारों सामान्य यात्री विमानों की उड़ानों के बराबर मानी जाती है और इसकी लागत करोड़ों डॉलर तक पहुंच जाती है। इसी भारी खर्च की ओर इशारा करते हुए ट्रंप ने कहा था कि वह बी-2 बॉम्बर पर ईंधन ‘बर्बाद’ नहीं करना चाहते।
ट्रंप बोले- हमास को हथियार छोड़ने का बहुत कम वक्त देंगे
ट्रंप ने बताया कि नेतन्याहू के साथ हुई चर्चा का मुख्य फोकस गाजा में लागू नाजुक शांति समझौते को आगे बढ़ाने, ईरान को लेकर इजराइल की सुरक्षा चिंताओं और लेबनान में हिजबुल्लाह से जुड़े मुद्दों पर रहा। उन्होंने कहा कि गाजा में लागू युद्धविराम के तहत इजराइल अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। ट्रंप ने कहा, “हमने हमास को लेकर बातचीत की और निरस्त्रीकरण पर भी चर्चा हुई। हमास को हथियार छोड़ने के लिए बहुत कम समय दिया जाएगा और फिर देखा जाएगा कि हालात किस दिशा में जाते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अगर हमास ने हथियार नहीं डाले, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हम ऐसा नहीं चाहते, लेकिन यह साफ है कि नतीजे गंभीर होंगे।” इस बयान पर हमास की ओर से फिलहाल कोई रिएक्शन नहीं आया है।
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