चीन का ताइवान के आसपास 10 घंटे का सैन्य अभ्यास मंगलवार को भी जारी है। बीजिंग की सेना ने सोमवार को यह अभ्यास शुरू किया था। चीन ने मंगलवार को उत्तरी और दक्षिणी ताइवान के तट से दूर समुद्र में रॉकेट दागे और द्वीप की नाकाबंदी के पूर्वाभ्यास के रूप में बमवर्षक विमानों और विध्वंसक जहाजों के साथ नए हमलावर जहाजों को तैनात किया है। ताइवान नजर रख रहा है कि क्या चीन द्वीप के ऊपर से मिसाइल दागता है।
10 घंटे तक होगी गोलाबारी
रॉयटर्स ने पूर्वी थिएटर कमान के हवाले से बताया कि ताइवान के आसपास के 5 स्थानों के समुद्र और हवाई क्षेत्र को प्रभावित करते हुए, शाम 6 बजे तक गोलाबारी होगी। चीन ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें एक अज्ञात स्थान से समुद्र में मोबाइल PCH-191 रॉकेट लॉन्चर से फायरिंग होती हुई दिखाई दे रही है। चीनी सेना ने कहा कि नौसेना और वायु सेना के साथ उत्तर-दक्षिण में पनडुब्बी रोधी अभियानों का अभ्यास किया गया है।
चीन ने क्या कहा?
चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्वी थिएटर कमान के हवाले से बताया कि वह ‘जस्टिस मिशन 2025’ नामक अभ्यास के तहत ताइवान के निकट जल और हवाई क्षेत्रों में विध्वंसक पोत, फ्रिगेट, लड़ाकू विमान, बमवर्षक और मानवरहित हवाई वाहन (UAV) से सैन्य अभ्यास करेगा। चीन के मुताबिक, इसमें ताइवान के उत्तर और दक्षिण-पश्चिम में समुद्री लक्ष्यों पर लाइव-फायर प्रशिक्षण भी शामिल है। अधिकारियों ने अभ्यास को लेकर 5 क्षेत्रों में चेतावनी जारी की है।
जमीनी लक्ष्यों को निशाना बनाएगा चीन
वरिष्ठ कर्नल शी यी ने बताया कि सैन्य अभ्यास का ध्यान समुद्री-हवाई युद्ध तत्परता गश्त, व्यापक श्रेष्ठता की संयुक्त प्राप्ति, प्रमुख बंदरगाहों और क्षेत्रों की नाकाबंदी, द्वीप श्रृंखला के बाहर सभी आयामों में प्रतिरोध पर केंद्रित होगा। शी ने कहा कि ये अभ्यास ताइवान स्वतंत्रता अलगाववादी ताकतों के खिलाफ एक कड़ी चेतावनी है, और चीन की संप्रभुता और राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए एक वैध और आवश्यक कार्रवाई है। युद्धाभ्यासों का मकसद जमीनी लक्ष्यों को निशाना बनाना है।
ताइवान ने युद्ध अभ्यास पर क्या कहा?
ताइवान के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि 2022 के बाद से युद्ध अभ्यासों का यह छठा बड़ा दौर है। उस समय तत्कालीन अमेरिकी प्रतिनिधि सभा अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था। उनका कहना है कि द्वीप नजर रख रहा है कि क्या चीन मिसाइलें दागेगा, जैसा कि उसने तब किया था। ताइवानी राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने कहा कि अग्रिम पंक्ति के सैनिक द्वीप की रक्षा के लिए तैयार हैं, लेकिन ताइपे स्थिति को बढ़ाना नहीं चाहता।
अमेरिका के हथियार देने से चिढ़ा है चीन
चीन ने ‘जस्टिस मिशन 2025’ नाम से यह सैन्य अभ्यास तब शुरू किया, जब अमेरिका ने ताइवान को 11.1 अरब डॉलर के रिकॉर्ड हथियार पैकेज की घोषणा की। घोषणा के 11 दिन बाद यह अभ्यास शुरू हुआ है, जो क्षेत्रफल के हिसाब से बीजिंग का अब तक का सबसे बड़ा अभ्यास है और द्वीप के सबसे करीब है। सैन्य अभ्यास से ताइपे के 14 उड़ान मार्गों में 11 प्रभावित हुए, लेकिन कोई भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान रद्द नहीं हुई है।
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