हकीमुद्दीन नासिर, महासमुंद। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का अनुचित लाभ लेने के आरोप में शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बेमचा, महासमुंद में पदस्थ व्याख्याता किरण पटेल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठी है. छत्तीसगढ़ नागरिक कल्याण समिति के सदस्य एवं पूर्व पार्षद पंकज साहू ने इस संबंध में मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, संचालक लोक शिक्षण, कलेक्टर महासमुंद और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर शिक्षिका को निलंबित कर सेवा से बर्खास्त करने तथा उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है.

पत्र में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का संचालन समाज कल्याण विभाग के माध्यम से किया जा रहा है. इसी क्रम में 27 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025 के बीच महासमुंद जिले से प्रयागराज, काशी विश्वनाथ और हनुमान मंदिर की तीर्थ यात्रा कराई गई थी. आरोप है कि इस योजना में नगरीय क्षेत्र महासमुंद की अपात्र महिला शासकीय सेवक किरण पटेल ने स्वयं, अपने पति पवन पटेल, मौसी गौरी बाई पटेल एवं अन्य रिश्तेदारों को योजना का लाभ दिलवाया.

पंकज साहू का आरोप है कि किरण पटेल ने आवेदन के दौरान स्वयं को बीपीएल श्रेणी का बताकर फर्जी तरीके से सूची में नाम जुड़वाया और घोषणा पत्र में यह उल्लेख किया कि वे वर्तमान में शासकीय सेवा में नहीं हैं. जबकि वास्तविकता यह है कि वे एल.बी. शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बेमचा में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं. योजना के नियमों के अनुसार शासकीय सेवक और 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति इसके पात्र नहीं हैं, इसके बावजूद कथित रूप से झूठा शपथ पत्र देकर योजना का लाभ लिया गया.

पूर्व पार्षद ने इसे गंभीर कदाचार बताते हुए कहा है कि यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियमों के विरुद्ध है और शासन के साथ छल व धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है. उन्होंने मांग की है कि शिक्षिका को तत्काल निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित की जाए, जांच के बाद सेवा से बर्खास्त किया जाए और पुलिस थाना महासमुंद में एफआईआर दर्ज कराई जाए. साथ ही उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदन पत्र, घोषणा पत्र और सूची की सत्यापित प्रतियां भी साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की हैं.