पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. समर्थन मूल्य में ओडिशा का धान खपाना इस बार आसान नहीं हो रहा है. पुलिस की मुस्तैदी के बाद जागी अन्य प्रशासनिक अफसरों भी सजगता दिखाने पुलिस की प्वाइंट पर कार्रवाई  करते नजर आ रहे हैं. मंगलवार रात ओडिशा के तीन सीमाओं में अलग अलग टीम ने 6 वाहनों में 1470 बोरी धान जप्त कर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. आधी रात निकली टीम ने यह कार्रवाई 12 घंटे के भीतर अंजाम दिया है. जप्त धान की कीमत 20 लाख से ज्यादा आंकी गई है. जिसे मंडी अधिनियम के तहत जप्त कर लिया गया है.

कार्रवाई में सबसे आगे गरियाबंद पुलिस

कार्रवाई में सबसे आगे चल रही देवभोग पुलिस की टीम ने नए एसपी के निर्देश में बीती रात बधियामाल चेक पोस्ट से ट्रक क्रमांक सीजी 08 एल 3919 से 400 बोरी, पिटापारा सीमा से मेटाडोर से 100 बोरी और झिरीपानी सीमा से ट्रेक्टर में लोड कर लाए जा रहे 60 बोरी के साथ कुल 560 बोरी धान तीन वाहन समेत जप्त किया है. देवभोग पुलिस ने अब तक 35 से ज्यादा वाहनों की धर पकड़ कर कार्रवाई में सबसे आगे चल रही है.

सेफ जोन मान कर रायगढ़ से दो ट्रक धान पार करने की हुई थी कोशिश

नवरंगपुर जिले का रायगढ़ ब्लॉक से शोभा गोना के रास्ते धान निकालना सबसे सुरक्षित माना जाता था. लेकिन इसकी इनपुट गरियाबंद पुलिस को मिलते ही अमलीपदर थाना प्रभारी को एलर्ट किया. जिसके बाद संयुक्त टीम ने दो ट्रक में भरे 810 पेकेट धान को जप्त कर तस्करों का रूट मैप बिगाड़ दिया. जप्त दोनों ट्रक को इंदागांव पुलिस के हवाले किया गया है. इसी तरह बीती रात सोल्ड मेटाडोर मण्डी,फूड और सहकारिता टीम के हत्थे चढ़ गई. भारी आमदनी को देखते हुए अवैध धान की सप्लाई के लिए नए वाहन की खरीदी करना सप्लायरों को भारी पड़ गया. बीती रात मगर रोड़ा चेक पोस्ट से पार करके धोराकोट तक पहुंचा था और रास्ते पकड़ा गया.

राजस्व के अधीन चेक पोस्ट से कैसे पार कर रहे हैं गाड़िया

बीती रात पकड़े गए ज्यादातर वाहन बनाए गए अस्थाई चेक पोस्ट से निकल कर आई थी. चेक पोस्ट का कंट्रोल राजस्व अफसरों के कमांड पर है. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिरकार राजस्व विभाग कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है. अमलीपदर तहसील क्षेत्र में लगी चेक पोस्ट में सबसे ज्यादा बड़ी गाड़िया पार हो रही है. ज्यादातर कार्रवाई पुलिस की प्वाइंट पर हो रही या पुलिस मौजूद रही तब राजस्व अफसर पहुंच रहे. ऐसे में अवैध परिवहन को रोकने तय किए गए मुख्य जवाबदारों के भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अब तक हुई कार्रवाई की सूक्ष्म समीक्षा कर कमजोर कड़ी को दुरुस्त करने की आवश्यकता है.