- टूटेजा ने कैग आडिट रिपोर्ट के आधार पर किया दावा
- कहा- सरकार ने विधानसभा में दिए अपने जवाब में माना है कि घोटाला नहीं
रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले मामले के आऱोपी अनिल टूटेजा ने दावा किया है कि उनके कार्यकाल के दौरान कोई घोटाला नहीं हुआ। टूटेजा का ये दावा कैग रिपोर्ट और छत्तीसगढ़ विधानसभा में सरकार की ओर से दिए गए जवाब के आधार पर हैं। टूटेजा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए मांग की है कि नए तथ्यों के आधार पर पूरे मामले की जांच की जाए। टूटेजा ने ये दलील भी दी है कि आठ माह के उनके कार्यकाल के दौरान नागरिक आपूर्ति निगम (नान) तीन हजार करोड़ रूपए के फायदे में रही है। इसकी पुष्टि कैग की आडिट रिपोर्ट औऱ कंपनी अधिनियम के अंतर्गत हुई वैधानिक आडिट रिपोर्ट से होती है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब नान तीन हजार करोड़ रूपए के फायदे में रही, तो फिर 36 हजार करोड़ रूपए का घोटाला कैसे हो गया? टूटेजा ने कहा कि उनके कार्य़काल के दौरान गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न का वितरण किया गया। उन्होंने कहा कि नान घोटाले के नाम पर वे मीडिया ट्रायल के शिकार हुए हैं। टूटेजा ने नए तथ्यों के आधार पर प्रकरण में अग्रिम विवेचना की मांग की है, जिसका कानून में प्रावधान है।
अनिल टूटेजा ने कहा कि गिरीश शर्मा के झूठे बयान और कूटरचित डायरी की एंट्री के आधार पर ही उन्हें आरोपी बनाया गया, जबकि हाईकोर्ट ने गिरीश शर्मा को प्रकरण में अभियुक्त बनाने का आदेश दिया है। टूटेजा ने उम्मीद जताते हुए कहा कि नए तथ्यों के सामने आने के बाद विवेचना अधिकारी विस्तृत औऱ निष्पक्ष विवेचना कर कोर्ट में चालान पेश करेंगे।